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सत्संग आश्रम के पंडाल में लगी भीषण आग

देवघर : सत्संग आश्रम के ठाकुरबाड़ी परिसर में बने एक भव्य पंडाल में गुरुवार दोपहर में अचानक आग लग गयी और देखते-देखते पूरा पंडाल धू-धू कर जलने लगा. पंडाल से उठ रही आग की लपटें बड़ी भयावह थी, जिससे आसपास के इलाकों समेत आश्रम के पीछे स्थित कोरियासा गांव में भी बड़ा खतरा था. अगर […]

देवघर : सत्संग आश्रम के ठाकुरबाड़ी परिसर में बने एक भव्य पंडाल में गुरुवार दोपहर में अचानक आग लग गयी और देखते-देखते पूरा पंडाल धू-धू कर जलने लगा. पंडाल से उठ रही आग की लपटें बड़ी भयावह थी, जिससे आसपास के इलाकों समेत आश्रम के पीछे स्थित कोरियासा गांव में भी बड़ा खतरा था. अगर समय रहते घटना पर काबू नहीं पाया गया होता तो फिर सत्संग आश्रम में बड़ी घटना की पुनरावृति हो सकती थी.

दो बजे लगी आग, साढ़े चार बजे था सम्मेलन : आश्रम का दावा है कि घटना में किसी जानमाल को नुकसान नहीं पहुंचा है. अगर यही घटना दो घंटे बाद होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. मिली जानकारी के मुताबिक, अपराह्न बाद करीब साढ़े चार बजे से सत्संग आश्रम के उक्त पंडाल में साधारण सभा होना था. इसके बाद संध्या सात बजे से ऋत्विक सम्मेलन आयोजित होता. किंतु दोपहर दो बजे ही शॉर्ट-सर्किट हुई और पंडाल में आग लग गयी.
पहले स्थानीय लोगों द्वारा पंडाल में लगी आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया. किंतु पंडाल निर्माण में प्लास्टिक व नाइलन कपड़ा लगे रहने के वजह से आग की लपटें बढ़ती चली गयी. स्थिति बेकाबू होने पर घटना की सूचना अग्निशमन विभाग समेत नगर थाने को दी गयी. पहले से अग्निशमन विभाग का एक दमकल वहां प्रतिनियुक्त था, जिससे आग बुझाने का प्रयास आरंभ किया गया. उधर, सूचना पाकर अग्निशमन विभाग के अन्य चार दमकल के साथ
सत्संग आश्रम के पंडाल…
फूलन सिंह समेत अग्निशमन कर्मी पहुंचे और आग बुझाने में जुट गये. घटना की सूचना पाकर एसडीओ सुधीर गुप्ता, एसडीपीओ दीपक पांडेय, नगर थाना प्रभारी एसके महतो, एसआइ दिलीप दास, एएसआइ बीडी प्रसाद भी सशस्त्र बलों के साथ पहुंचे.
नाइलन कपड़े का बना था पंडाल
एसडीओ के अनुसार, आश्रम प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरती गयी है. पंडाल में प्लास्टिक समेत नाइलन कपड़े का प्रयोग किया गया था. पूर्व में भी आश्रम वालों को उनके स्तर से कई निर्देश दिये गये थे, जो पूरा किये बिना ऐसे आयोजन किये जा रहे हैं. अब तक आश्रम द्वारा प्रशासन को वोलेंटियर की सूची तक नहीं दी गयी है. वहीं पंडाल में मानक के अनुरूप फायर इंस्टीग्यूशर, पानी टेंकर व बालू आदि का प्रबंध भी नहीं रखा गया था.
मामले में आश्रम प्रबंधन द्वारा कोई अधिकारिक तौर पर कुछ बोलने को तैयार नहीं थे. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पंडाल के अंदर रखी कुर्सियां समेत साउंड सिस्टम व अन्य सामान भी जल गये हैं. बताते चलें कि वर्ष 2012 के सितंबर महीने में सत्संग आश्रम के कार्यक्रम की प्रार्थना सभा में अहले सुबह बड़ी भगदड़ होने से नौ ठाकुरभक्तों की मौत हो गयी थी.
मेरे पास 10 करोड़ की ब्लैक मनी
आपके पास कोई काला धन नहीं
शकील अख्तर रांची
आयकर की छापामारी में रांची के पूर्व जिला अभियंता केसी सिंह ने अपने व परिवार के पास 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति (काला धन) होने की बात स्वीकार की थी. पर, निगरानी ने जांच के बाद केसी सिंह के पास आय से अधिक संपत्ति नहीं होने की बात कही है. सरकार ने निगरानी की रिपोर्ट को स्वीकार कर केसी सिंह के खिलाफ जांच की फाइल बंद कर दी है.
आयकर ने भेजा था पत्र
आयकर ने केसी सिंह के घर छापामारी के बाद सरकार व निगरानी विभाग को पत्र भेजा था. इसमें इस बात का भी उल्लेख था कि इंजीनियर के घर से निवेश के दस्तावेज मिले हैं और उसने अघोषित संपत्ति स्वीकार की है. बाद
में पत्र के आधार पर सरकार ने मामले की निगरानी जांच (पीइ-11/14) करायी थी.
मेरे पास 10 करोड़…
प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद निगरानी की ओर से सरकार को भेजे पत्र में कहा गया कि केसी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का कोई आरोप प्रमाणित नहीं होता. निगरानी ने मामले को बंद करने की अनुशंसा भी कर दी. सरकार ने अनुशंसा को स्वीकार करते हुए मामले को बंद कर दिया.
आयकर की जांच में मिले तथ्य : आयकर विभाग ने जमीन कारोबारी कमल भूषण के साथ ही इंजीनियर केसी सिंह के रांची के हरमू और पटना में शेखपूरा गली स्थित मकान पर छापा मारा था. उनके घर से 26.20 लाख रुपये,अचल संपत्ति और निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले थे. इंजीनियर के पिता रामवृक्ष सिंह (85) करीब 25 साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने आयकर को बताया था कि मकान के जिस कमरे से नकद और कागजात मिले हैं
वह केसी सिंह का है. आयकर को पता चला था कि रामवृक्ष सिंह के नाम 2.92 एकड़ जमीन है. केसी सिंह ने अपने बयान में स्वीकार भी किया था कि जमीन के लिए उसके पिता ने कमल भूषण को 6.70 करोड़ रुपये दिये थे. आयकर को छापे के दौरान पटना के श्रवण कुमार से 20 बीघा जमीन खरीदने के लिए किया गया एकरारनामा भी मिला था. इसमें रामवृक्ष सिंह, नीरज ठाकुर और अनिता सिंह के नाम जमीन खरीदने का उल्लेख था.
इसके लिए 25 लाख का भुगतान किया गया था. दीदारगंज में 33 डिसमिल जमीन अनिता सिंहा और भूपेंद्र सिंह के नाम खरीदे जाने के दस्तावेज मिले थे. इसके अलावा रांची से खरीदे गये स्टांप पेपर पर नीरज ठाकुर को 1.17 करोड़ रुपये दिये जाने का उल्लेख था. बैंक लॉकर में मिले 260 ग्राम गोल्ड बार के बारे में रामवृक्ष सिंह ने बताया था कि इसे उन्होंने खरीद कर बहू को दिया था.
जांच में इसे किशोर मोदक द्वारा खरीदे जाने की बात प्रमाणित हुई. अब मोदक अपने पते पर नहीं मिल रहा है. बताया जाता है कि मोदक एक पूर्व मंत्री के करीबी हैं.

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