पेयजल के लिए ग्रामीण बेबससरकार की लाख कोशिशों के बावजूद लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां के ग्रामीण दूषित कुएं और झरने के पानी से प्यास बुझा रहे हैं. सरकारी कुएं तो हैं लेकिन अधिकांश खराब पड़े हैं. दूषित कुएं के पानी से बुझ […]
पेयजल के लिए ग्रामीण बेबससरकार की लाख कोशिशों के बावजूद लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां के ग्रामीण दूषित कुएं और झरने के पानी से प्यास बुझा रहे हैं. सरकारी कुएं तो हैं लेकिन अधिकांश खराब पड़े हैं.
दूषित कुएं के पानी से बुझ रही ग्रामीणों की प्यास
एक दर्जन से अधिक चापानल खराब
ठाकुरगंगटी : गरमी शुरू होते ही प्रखंड के जीवन खुटहरी गांव में पेयजल की समस्या शुरू हो गयी है. ग्रामीणों को पीने का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है. जीवन खुटहरी गांव प्रखंड के तेतरिया माल पंचायत में आता है. कई माह से गांव के चापानल खराब हैं. इसको दुरुस्त कराने के लि कई बार ग्रामीणों ने विभाग को आवेदन दिया. लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है.
ग्रामीण मजबूरी में कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. उक्त गांव में 1500 की आबादी निवास करती है. गरमी की शुरुआत में ही कुएं का जलस्तर नीचे चला गया है. इस कारण ग्रामीणों में काफी हताशा है. ग्रामीणों के अनुसार जिला पेयजल विभाग को पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से कई बार लिखा गया है. लेकिन बार-बार ग्रामीणों को विभाग आश्वासन का घूंट पिलाकर भेज दिया जाता है. इस ओर पंचायत के मुखिया व जलसहिया का भी ध्यान नहीं है.