गोड्डा : गोड्डा कारा में बंद कैदी राम सूरज मरांडी की मौत के मामले में पूर्व मंत्री हेमलाल मुमरू ने शनिवार को चुप्पी तोड़ी. उन्होंने किसान भवन में प्रेस वार्ता में कहा कि बोआरीजोर के कैदी रामसूरज मरांडी की मौत साधारण नहीं है बल्कि सुनियोजित तरीके से इसकी हत्या जेल प्रशासन ने की है. श्री मुमरू ने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि जिस तरह से कैदी की मौत के बाद जेल प्रशासन ने मौत के कारणों पर परदा डालने का प्रयास किया है, वह संदिग्ध है. कैदी की मौत के बाद गुपचुप तरीके से पोस्टमार्टम करा दिया जाता है और परिजनों को इसकी सूचना बाद में दी जाती है. ऐसे कई पहलू हैं, जिसमें जेल प्रशासन को कटघरे खड़ा हो सकता है. श्री मुमरू ने बताया कि बार बार जेल में आदिवासी की ही मौत होती है.
जेल में आदिवासी कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किये जाते हैं. सिर्फ मेडिकल टीम गठित कर कैदी की हत्या के मामले पर जिला प्रशासन परदा नहीं डाल सकता है. इस मामले में दोषी पर निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए.