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सदर अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा// संवेदनशील होकर ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को किया जा रहा है परेशान// पंद्रह वर्षों में एक भी डॉक्टर का सदर अस्पताल में नहीं किया गया पदस्थापन तसवीर: 08 सदर अस्पताल कीनगर प्रतिनिधि, गोड्डापंद्रह लाख की आबादी वाले गोड्डा जिला के एक मात्र सदर अस्पताल की व्यवस्था में अब तक […]

सदर अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा// संवेदनशील होकर ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को किया जा रहा है परेशान// पंद्रह वर्षों में एक भी डॉक्टर का सदर अस्पताल में नहीं किया गया पदस्थापन तसवीर: 08 सदर अस्पताल कीनगर प्रतिनिधि, गोड्डापंद्रह लाख की आबादी वाले गोड्डा जिला के एक मात्र सदर अस्पताल की व्यवस्था में अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है. सदर अस्पताल में डॉक्टरों का टोटा है. दो चार स्पेशलिष्ट चिकित्सक हैं, जिनके बदौलत ही सदर अस्पताल की चिकित्सीय व्यवस्था कायम है. संवेदनशील होकर दिन व रात काम करने वाले डॉक्टरों को कुछ लोगों द्वारा बेवजह परेशान करने का काम किया जा रहा है. पंद्रह वर्षों में एक भी डॉक्टर का पदस्थापन सदर अस्पताल में नहीं कराया जा गया है. बावजूद दो चार चिकित्सक ही अस्पताल में इलाजरत रोगियों को संजीवनी देने का काम करते हैं. लेकिन समय समय पर वैसे चिकित्सकों को कोई मुद्दा बना कर परेशान किया जाता है.आंख नाक कान के डॉक्टर नहींसदर अस्पताल में अब तक आंख कान नाक के डॉक्टर तक नहीं है. अस्पताल में वार्ड एटेंनडेंट, एनआइसीयू, चाईल्ड वार्ड, ओटी असीसटेंड, ड्रेसर, फिजिसियन, डेंटल, ईएनटी व चर्म रोग चिकित्सक नहीं है. ——————————-100 शय्या वाले अस्पताल में 24 डॉक्टर की जरूरतजानकारी के अनुसार इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंर्डस के अनुसार 100 शय्या वाले अस्पताल में 32 डॉक्टरों की जरूरत है. जबकि जोड़ घटाव कर तथा दूसरे स्थानों से अस्पताल में प्रतिनियुक्ति कर कुल 11 ही चिकित्सक हैं. वहीं 76 स्टाफ की आवश्यकता है. लेकिन 20 स्टाफ है.कई बार डॉक्टरों को किया गया है टारगेटअस्पताल में कई बार गंभीर अवस्था में रोगियाें को भरती कराया जाता है. रोगी के मौत के बाद लोगों द्वारा डॉक्टरों को कई बार टारगेट किया गया है. इससे डॉक्टरों को काफी परेशानी होती है.————————-” काफी कम सुविधा में यहां चिकित्सक काम करते हैं. रोगियों को हर संभव सहयोग कर चिकित्सक संवेदनशील होकर इलाज करते हैं. चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाना निंदनीय है. केवल अस्पताल को नया भवन मिल गया है, लेकिन मेन पावर की पूरी तरह से कमी है. लोगों को डॉक्टरों को सहयोग करने की जरूरत है.- डॉ राम प्रसाद, सचिव आइएमए.—————————-” अस्पताल में मेरी ड्यूटी नहीं है. इसके बावजूद भी मेरा प्रयास रहता है, सदर अस्पताल में रोगियों को सहयोग करूं. आउटडोर में इलाज कराने आये रोगियों को भी देखता हूं. अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य सेंटरों में डॉक्टरों की कमी है. अस्पताल में प्रतिनियुक्त चिकित्सक तनमन लगा कर रोगियों की सेवा करते हैं. सभी का सहयोग चिकित्सकों को मिलने से और भी बेहतर कार्य किया जा सकेगा. चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार नहीं हो इसके लिए शुक्रवार को आपात बैठक में आइएमए अध्यक्ष होने के नाते सिविल सर्जन को मेरी ओर से पत्र दी जायेगी.-डॉ रामजी भगत, अध्यक्ष आइएमए.————————-इन्होंने भी रखी अपनी बात” डॉक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार करना कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. चिकित्सकों की कमी को ध्यान में रखने की जरूरत है. गोड्डा में डॉक्टरों के पदस्थापन कराने को लेकर बहुत जल्द स्वास्थ्य मंत्री से मिल कर मामले को अवगत कराया जायेगा.- राजेश झा, भाजपा नेता.————————-” डॉक्टरों के कार्य को सहयोग करने की जरूरत है. इस तरह की हरकत से चिकित्सकों का मनोबल घटेगा. कम व्यवस्था में चिकित्सक रोगियों को हर संभव बेहतर सुविधा देने का काम करते हैं.-दीपिका पांडेय सिंह, जिलाध्यक्ष कांग्रेस.————————-” चिकित्सक कार्य करते हैं. चिकित्सक से अभद्र व्यवहार करना युक्तिसंगत नहीं है. कम सुविधा में कार्य कर रहे चिकित्सकों को सहयोग कर रोगी का बेहतर ईलाज कराया जा सकता है.-वेणु चौबे, नेत्री जेवीएम.

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