गोड्डा : सोमवार को गोड्डा, पथरगामा व बसंतराय प्रखंड में तेज आंधी-बारिश व ओला वृष्टि ने लोगों की कमर तोड़ दी है. इस आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. तीनों प्रखंडों में रबी की फसल पूरी तरह बरबाद हो गयी है. एक अनुमान के मुताबिक सोमवार को हुई इस तबाही में डेढ़ से दो करोड़ की क्षति हुई है.
मंगलवार की सुबह जब तबाही का आकलन करने पदाधिकारियों प्रभावित गांवों में पहुंचे, वहां की स्थिति देख अचंभित हो गये. प्रभावित गांव का हर व्यक्ति अब दाने-दाने को तरस रहा है. हजारों बीघे में लगी गेहूं, सरसों, तिलहन व दलहन की फसल पूरी तरह बरबाद हो गयी है. वहीं कई घरों के छप्पर उड़ गये हैं. घर में रखा अनाज पानी से बरबाद हो गया है. खाने के लिए कुछ भी बचा है. वहीं ग्रामीणों के फूस के घर भी उड़ गये, मिट्टी के घर तेज आंधी-पानी में टूट गये. कई ग्रामीणों के घरों में पिछले 24 घंटे से चूल्हा नहीं जला है. गांवों में कई लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं . प्रशासन द्वारा अब तक ग्रामीणों को राहत नहीं पहुंचायी गयी है. पदाधिकारी सिर्फ रिपोर्ट तैयार करने में लगे हुए हैं. ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश है.
नेपुरा व विशाहा गांव में भीषण तबाही
गोड्डा व पथरगामा प्रखंड में सर्वाधिक तबाही हुई है. नेपुरा व विशाहा पंचायत पूरी तरह तबाह हो गया है. दोनों पंचायतों में आम के बगीचे पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं.
गांव स्थित नर्सरी में एक भी पौधा नहीं बचा है. आंधी-पानी व ओला वृष्टि में भारी क्षति हुई है. अभी तक प्रशासन द्वारा किसी भी पीड़ित परिवार को तत्काल राहत के तौर पर कुछ नहीं मिला है. ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन खानापूर्ति में लगा हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार अकेले ककना बहियार व बैशाड़ी बहियार में 50 से अधिक मवेशियों की मौत हुई है. मवेशी मालिक अपने मवेशियों को सोमवार शाम से ही ढूढने में लगे हैं. पंचायत के नेपुरा, नीलकंठपुर, ककना, पाटपुर, परासी, दियारा, मौलनाकिता, विशाहा आदि गांवों में काफी तबाही हुई है.
दियारा गांव में सैकड़ों आम के पेड़ से मंजर नष्ट
नेपुरा पंचायत के दियारा गांव में सैकड़ों आम के पेड़ से मंजर झड़ गये. इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
वर्षो की मेहनत पल भर में स्वाहा
वर्षो की मेहनत महज 10 मिनट में बरबाद हो गयी. किसानों को यह उम्मीद थी कि इस बार गेहूं की फसल अच्छी है. साल भर चैन से कटेगी. लेकिन गेहूं की सफल के साथ मकई, तेलहन, दलहन, आम के मंजर पूरी तरह नष्ट हो गये. इसके साथ ही सबसे ज्यादा नुकसान घरों को पहुंचा है.