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इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में बेकार पड़ा ब्लड बैंक

गोड्डा : सदर अस्पताल में दो साल से ब्लड बैंक का भवन बनकर तैयार है. सौ बेड वाले अस्पताल भवन के नजदीक ब्लड बैंक भवन का निर्माण कराया गया है. लेकिन अब तक इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाया है. ब्लड के अभाव में गंभीर मरीजों को रेफर करना पड़ रहा है. जानकारी के […]

गोड्डा : सदर अस्पताल में दो साल से ब्लड बैंक का भवन बनकर तैयार है. सौ बेड वाले अस्पताल भवन के नजदीक ब्लड बैंक भवन का निर्माण कराया गया है. लेकिन अब तक इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाया है. ब्लड के अभाव में गंभीर मरीजों को रेफर करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक लाखों खर्च कर ब्लड बैंक भवन का निर्माण करा दिया गया. लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में ब्लड बैंक भवन शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. इससे आम जनता की परेशानी कम नहीं हुई है.

ब्लड स्टोरेज यूनिट में लटक रहा ताला
गंभीर मरीजों को खून की कमी नहीं हो, इसके लिए ब्लड स्टोरेज यूनिट बनाया गया है. लेकिन वो भी बंद पड़ा हुआ है. ब्लड स्टोरेज यूनिट में ताला लटक रहा है.
गर्भवती माताओं को ज्यादा परेशानी
सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में प्रति माह सात सौ से अधिक गर्भवती माताओं का प्रसव कराया जाता है. यहां वैसे ही गर्भवती माता प्रसव कराने आती हैं जिन्हें स्वास्थ्य विभाग की सहियाओं द्वारा लाया जाता है. प्रसव के दौरान रक्त की कमी के कारण मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में गर्भवती माताओं को काफी परेशानी होती है.
मरीजों को कर दिया जाता है रेफर
एनएच 133 हो जाने के बाद से इस जिले में सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है. आये दिन लोग दुर्घटना के शिकार होकर इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचाये जाते है. इतना ही नहीं प्रखंड क्षेत्रों के अस्पतालों से भी दुर्घटना में घायल लोगों को सदर अस्पताल भेजा जाता है. घायलों को अधिक खून बहने की स्थिति में डॉक्टर रेफर कर देते हैं. भागलपुर, देवघर, धनबाद, रांची जाने के क्रम में कई मरीजों की मौत हो जाती है.
गोड्डा में ब्लड बैंक चालू कराने की मांग की
गोड्डा विधायक अमित मंडल शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव निधि खरे से मिले. इस दौरान विधायक ने गोड्डा में ब्लड बैंक की समस्या से निधि खरे को अवगत कराया. बताया कि खून की कमी से रोगियों की मौत इलाज के दौरान हो जा रही है. कहा कि उनके पिता के विधायक कार्यकाल में ही ब्लड बैंक स्वीकृत होकर आज तैयार हो गया है, लेकिन संसाधनों के अभाव में इस पर काम नहीं हो रहा है. रोगियों को भागलपुर रेफर कर दिया जाता है.
साथ ही इन्होंने गोड्डा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था से भी श्रीमती खरे को अवगत कराया. इस पर श्रीमती खरे ने गोड्डा सिविल सर्जन वनदेवी झा से मामले की जानकारी ली. श्रीमती खरे ने कहा कि केंद्र की ओर से एक जांच कमेटी गोड्डा भेजी जायेगी, जो ब्लड बैंक का निरीक्षण करेगी. निरीक्षण के क्रम में जो भी कमियां पायी जायेंगी उसे मंत्रालय की ओर से पूरा कर लिया जायेगा. साथ ही विधायक ने इस क्रम में रूपुचक में बने अस्पताल को भी चालू कराये जाने की मांग की है.
रक्त के अभाव में दम तोड़ रहा ब्लड स्टोरेज यूनिट
ब्लड बैंक को सामग्री के अभाव में चालू नहीं कराया जा सका है. स्वास्थ्य विभाग रांची से ब्लड बैंक के लिए उपकरण उपलब्ध कराया जाना है. उपकरण उपलब्ध होते ही ब्लड बैंक काम करने लगेगा. जहां तक ब्लड स्टोरेज यूनिट की बात है तो जो भी तकनीकी कारण है, उसे दुरुस्त करा लिया गया है. ब्लड स्टोरेज यूनिट का रजिस्ट्रेशन समाप्त हो जाने के कारण बंद है. रिन्यूवल के लिए भेजा गया है.
– डॉ. बनदेवी झा, सिविल सर्जन,गोड्डा

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