ठाकुरगंगटी : ठाकुरगंगटी प्रखंड का नामी रेफरल अस्पताल कर्मी जान जोखिम में डाल कर जजर्र भवन में रहने को मजबूर हैं. अस्पताल कर्मियों के रहने वाला भवन पूरी तरह जजर्र हो गया है. भवन के छत की परत टूट कर गिर रहा है. कभी भी बड़ी घटना घट सकती है. विभागीय कर्मी जान जोखिम में डाल कर जजर्र भवन में रह कर रहने को मजबूर है. भवन निर्माण नहीं हाने से कर्मियों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
क्या है मामला
अस्पताल में काम करने वाले ऐसे कर्मियों के रहने के लिये करीब 40 वर्ष पूर्व बना 12 कमरों का रूम है जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. बावजूद मकान के अभाव में उसी जर्जर भवन में सुरेश चौधरी, हकीम चंद्र झा, सुनील कुमार, अरुण मिस्त्री, नंदन पासवान रहने को मजबूर है.सुरेश चौधरी का कहना है कि रात को सोते वक्त बिछावन पर सिलिंग से सरिया व पपड़ी गिरता रहता है. एक दिन तो एक किलो वजन का पपड़ी पैर पर गिर गया जिससे पैर जख्मी हो गया. कर्मियों ने बताया किइस बात की जानकारी प्रभारी स्तर से लेकर जिला तक को दी गयी मगर पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी.