Maheshmunda Railway Station: जानकारी के अनुसार गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड अंतर्गत महेशमुंडा रेलवे स्टेशन (Maheshmunda Railway Station) स्थापित है. ब्रिटिश काल में स्थापित स्टेशन में समस्याओं का अंबार लगा है. कालांतर में कोडरमा रेल लाइन निर्माण के क्रम में यहां नया स्टेशन भवन बना, अंडर पास बना, लेकिन प्लेटफार्म की स्थिति जस की तस है. यहां न तो समुचित शेड, कुर्सी, शौचालय की व्यवस्था है और न ही फुट ब्रिज का निर्माण किया गया है. इससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है.
Maheshmunda Railway Station: राहगीरों के लिए आफत है अंडर पास
कोडरमा रेल लाइन निर्माण के क्रम में महेशमुंडा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे क्रॉसिंग को हटाकर अंडर पास का निर्माण किया गया था. अंडर पास में हमेशा जलजमाव रहता है. बरसात में यहां 2-3 फीट पानी जमा हो जाता है और दो पहिया वाहन चालक, साइकिल सवार ट्रेन की पटरी से होकर गुजरने को मजबूर हो जाते हैं. अंडर पास में जलजमाव को ले कई बार आंदोलन हुआ है, लेकिन कोई फलाफल सामने नहीं आया है.
फुट ओवरब्रिज (Foot Overbridge) की कमी से बढ़ी हादसे की आशंका
महेशमुंडा रेलवे स्टेशन में फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) की कमी से यात्रियों व आम लोगों को काफी परेशानी होती है. ट्रेन के ठहराव के बीच यात्री ट्रेन के आगे से पटरी पार कर इस पार से उस पार होते हैं. मालगाड़ी व गिरिडीह-कोडरमा पैसेंजर ट्रेन के ठहराव के दौरान लोग ट्रेन के नीचे से आवाजाही को मजबूर होते हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. स्थानीय राजेश राय, गोपाल राणा, विनोद ठाकुर, कामदेव वर्मा, मोहन शर्मा, मो.अनवर समेत कई ने रेल प्रशासन व सांसद-विधायक से महेशमुंडा रेलवे स्टेशन में फुट ब्रिज व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की हैं.
राज्य सभा सदस्य डॉ सरफराज अहमद ने सदन में उठाया है मामला
गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड पर जगह जगह निर्मित अंडरपास में जलजमाव से होने वाली परेशानी, महेशमुंडा स्टेशन में फुटब्रिज की कमी से हादसे की आशंका समेत छोटे छोटे स्टेशनों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को ले सदन में मामला उठाते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इसमें सकारात्मक पहल करने की मांग की है.
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