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कोयला डिपो खोलने की मांग
लातेहार. लातेहार जिला मुख्यालय में कोयला डिपो खोलने की मांग जोर पकड़ रही है. इसे भी एक अजीब विडंबना ही कहा जायेगा कि जिस लातेहार की धरती में कोयला का अकूत भंडार है, जहां लगातार 100 वर्षो तक भी खुदाई की जाये, तो कोयला का भंडार कम नहीं होगा, उसी लातेहार की धरती में लोगों […]
लातेहार. लातेहार जिला मुख्यालय में कोयला डिपो खोलने की मांग जोर पकड़ रही है. इसे भी एक अजीब विडंबना ही कहा जायेगा कि जिस लातेहार की धरती में कोयला का अकूत भंडार है, जहां लगातार 100 वर्षो तक भी खुदाई की जाये, तो कोयला का भंडार कम नहीं होगा, उसी लातेहार की धरती में लोगों को चूल्हा जलाने तक के लिए कोयला मयस्सर नहीं हो रहा है. अगर उपलब्ध भी हो रहा है तो मंहगे दामों पर. लोगों को 400 रुपये प्रति बोरा कोयला खरीद कर काम चलाना पड़ रहा है.
आज भी जिला मुख्यालयवासी साइकिलों से चोरी का कोयला बेचने वालों पर आश्रित हैं. दीगर बात तो यह है कि यह कोयला सिकनी एवं तुबेद जैसे क्षेत्रों से अवैध रुप से उत्खनन किया गया या फिर रेलवे से चोरी की गयी कोयला होता है और इसी से शहरवासियों के घरों में चूल्हे जलते हैं. इससे न सिर्फ सरकार को प्रति महीना लाखों रुपया के राजस्व का नुकसान हो रहा है वरन अवैध उत्खनन हो भी हवा मिल रही है. कभी जंगलों से अाच्छादित लातेहार जिले में अब ढूंढ़ने से भी लकड़ियां नहीं मिल रही है.
बारिश के दिनों में सूखी लकड़ियां भी नहीं मिल पा रही है और इसका नाजायज फायदा चोरी को कोयला बेचने वाले उठा रहे हैं. अब तो कोयला मध्यम वर्गीय परिवार से दूर हो गया है. यही कारण है कि शहर के लोग अब कोयला डिपो की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष सुशील कुमार अग्रवाल से पहल करने का आग्रह स्थानीय लोगों ने किया है.
चंदवा : शुक्रवार की सुबह टुढ़ामू गांव के समीप टुढ़ामू वन क्षेत्र में 11 हजार वोल्ट का तार टूट कर गिर गया. हालांकि इस घटना में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, पर एक बड़ा हादसा टल गया. शुक्रवार की सुबह झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष सुमन सुनील सोरेंग को इसकी सूचना मिली.
श्री सोरेंग ने बताया कि सुबह यह तार गिरा था. ग्रामीणों ने विद्युत कर्मियों को इसकी सूचना सुबह ही दी थी, बावजूद बिजली नहीं काटी गयी थी. उन्होंने बताया कि घटनास्थल के समीप ही एक महिला पुटको (एक प्रकार की सब्जी) की तलाश में घूम रही थी. उसे आवाज देकर तार की ओर आने से रोका. तार में करंट प्रवाहित था. तार के आस-पास की घास जल गयी थी. धुंआ उठ रहा था. उसके बाद उसने इसकी सूचना विद्युत कर्मियों को दी. तब जाकर बिजली काटी गयी. उल्लेखनीय है कि वन क्षेत्र के बीच इस पगडंडी का इस्तेमाल ग्रामीण हमेशा करते हैं.
करीब दो वर्ष पूर्व इसी वन क्षेत्र में डोरी चुनने के दौरान एक महिला विद्युत प्रवाहित नीचे गिरे तार की चपेट में आ गयी थी. मौके पर ही उसकी मौत हो गयी थी. लोगों ने जर्जर तार को बदलने व गार्ड वायर लगाने की मांग विभाग के अधिकारियों से की है. तार को दुरुस्त कर बिजली व्यवस्था बहाल करने का काम चल रहा है.
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