बेंगाबाद : प्रखंड कार्यालय परिसर में आयोजित जनता दरबार में शनिवार को उपायुक्त अचानक पहुंचे तो खलबली मच गयी. जनता दरबार में जनसेवक को छोड़ एक भी अधिकारी नहीं थे. यह देख उपायुक्त भड़क गये. पता चला बीडीओ और सीओ अपने-अपने चैंबर में हैं. बता दें कि प्रत्येक प्रखंड कार्यालय में बुधवार व शनिवार को जनता दरबार का आयोजन निर्धारित है. इस जनता दरबार में आम ग्रामीणों की शिकायतें लेकर उसे कंप्यूटर में दर्ज किया जाना है.
उपायुक्त उमाशंकर सिंह बेंगाबाद पहुंचे और प्रखंड व अंचल कार्यालय के साथ अन्य कार्यालयों का भी औचक निरीक्षण किया. कई कर्मचारी कार्यालय से गायब मिले, जबकि कई कर्मी कार्यालयों में बातचीत में मशगूल थे. जनता दरबार में बीडीओ व सीओ के नहीं रहने पर उन्हें फटकार लगायी. उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव लायें. बेवजह समय जाया न करें. जनता दरबार में ग्रामीणों की शिकायतें कंप्यूटर में दर्ज करने के साथ शिकायतों के निष्पादन की तिथि भी अंकित की जाये.
कार्यो के निष्पादन में ज्यादा लंबा समय न दें और अनावश्यक बातों पर बेवजह अपना समय बर्बाद न करें. कार्यो के निष्पादन की समय अवधि अधिकतम दस दिन निर्धारित किये जाये. बाद में श्री सिंह जनता दरबार में बैठे और कई ग्रामीणों की शिकायतें भी सुनीं. यहां से श्री सिंह प्रज्ञा केंद्र पहुंचे, प्रज्ञा केंद्र बंद पाया गया. अधिकारियों से जब पूछताछ की गयी तो उनका जवाब भी संतोषजनक नहीं मिला. बीडीओ से कहा गया कि उनका कामकाज संतोषजनक नहीं पाया गया है.
सुधार लाने का निर्देश दिया.
बीडीओ की रसोई में गये डीसी : प्रखंड के अधिकारी प्रखंड मुख्यालय में रहते हैं या नहीं, यह जानने के उद्देश्य से डीसी श्री सिंह ने बीडीओ और सीओ के आवास को भी देखने की इच्छा जतायी. बीडीओ के आवास पहुंचने के बाद श्री सिंह उनकी रसोई में गये. वे देखना चाहते थे कि अधिकारी यदि मुख्यालय में रहते हैं तो उनकी रसोई चालू स्थिति में मिल सकती है. रसोई चालू स्थिति में पायी गयी.
एइ को लगायी फटकार : प्रखंड कार्यालय में निरीक्षण के दौरान वहां के एक एई गायब पाये गये.
बताया जाता है कि जब एई को जानकारी मिली कि डीसी प्रखंड में स्थित कार्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं तो वे आनन-फानन में कार्यालय पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद उन्होंने गाड़ी खराब होने का बहाना भी बनाया, पर उपायुक्त ने एई को जमकर फटकार लगायी. अंत में एई ने भविष्य में इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति नहीं करने का भरोसा दिलाया.
गायब मिले चिकित्सा पदाधिकारी : प्रखंड कार्यालयों का निरीक्षण करने के बाद डीसी श्री सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. वहां चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीबी सिंह गायब पाये गये. सूचना पाकर डॉ सिंह पहुंचे और कहा कि इंद्रधनुष के कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण वे केंद्र में नहीं थे.
उपायुक्त ने गिरिडीह के सिविल सजर्न को डॉ सिंह के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा का निर्देश दिया. इधर गिरिडीह के सिविल सजर्न डॉॅ एस सन्याल ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश के बाद बेंगाबाद के चिकित्सा प्रभारी डॉ बीबी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की पुन: अनुशंसा विभाग से की गयी है. डॉ सन्याल ने कहा कि इसके पूर्व भी उक्त चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध निंदन व स्पष्टीकरण का पत्र जारी किया जा चुका है.
फर्मासिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा : निरीक्षण के क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपायुक्त ने देखा कि एक फार्मासिस्ट बिना इलाज और डॉक्टर के बिना देखे ही दवा का वितरण कर रहा है.
उन्होंने फार्मासिस्ट से पूछा कि बिना डॉक्टर के दवा कैसे बांटी जा रही है. बाद में उपायुक्त के निर्देश पर सिविल सजर्न डॉ एस सन्याल ने फार्मासिस्ट सरफुद्दीन से स्पष्टीकरण मांगते हुए उसकी बरखास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है. डॉ सन्याल ने कहा कि इस संबंध में उपायुक्त को फाइल भेज दी गयी है.