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निजी शिक्षक पढ़ाते हैं सरकारी स्कूल में

नौनिहालों का भविष्य संवारने में ग्रामीणों की पहल, सरकारी व्यवस्था का हाल देखिए गिरिडीह : उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ के दूरवर्ती गांवों में शिक्षा को बदहाली से उबारने में ग्रामीणों की पहल काम आ रही है. उत्क्रमित उच्च विद्यालय पांडेयडीह के दो सौ बच्चों का भविष्य एक पारा शिक्षक संवार रहे थे. हाल में एक सरकारी […]

नौनिहालों का भविष्य संवारने में ग्रामीणों की पहल, सरकारी व्यवस्था का हाल देखिए
गिरिडीह : उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ के दूरवर्ती गांवों में शिक्षा को बदहाली से उबारने में ग्रामीणों की पहल काम आ रही है. उत्क्रमित उच्च विद्यालय पांडेयडीह के दो सौ बच्चों का भविष्य एक पारा शिक्षक संवार रहे थे.
हाल में एक सरकारी शिक्षक पदस्थापित किया गया है. ग्रामीणों की पहल पर अब पांच निजी शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं. ग्रामीण चंदा करके निजी शिक्षकों का मानदेय देते हैं. ग्रामीणों की पहल के बाद कोरिया ट्रस्ट मधुबन भी सहयोग करने लगा है. ग्रामीण टुपलाल महतो ने बताया कि इस विद्यालय में जिन निजी शिक्षकों को रखा गया है जय नंदन महतो, टेक लाल महतो, वीणा देवी, धनेश्वर महतो आदि शामिल हैं.
इन शिक्षकों को ग्रामीण प्रत्येक माह चंदा करके मानदेय देते हैं. हाल के कुछ महीने से मधुबन की कोरिया ट्रस्ट नामक एक संस्था भी सहयोग कर रही है. श्री महतो ने बताया कि निजी शिक्षकों को वेतन देने के लिए ग्रामीण प्रत्येक माह 40 रुपये का चंदा करते हैं. ग्रामीण चितरंजन महतो ने बताया कि आसपास के गांवों के बीच इकलौता उत्क्रमित उच्च विद्यालय है. ऐसे में कई गांव के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं. ग्रामीणों की मांग है कि विभाग को इस विद्यालय पर ध्यान देना चाहिए और दो सरकारी शिक्षक को यहां पदस्थापित करना चाहिए.
शिक्षक बढ़ाने का हो रहा प्रयास : बीइइओ
पीरटांड़ के बीइइओ भूपेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि उक्त विद्यालय में शिक्षक की कमी है. शिक्षक नहीं रहने से ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के अनुसार निजी शिक्षकों को अपने स्तर पर रखा है.
श्री सिंह ने बताया कि पिछले दिनों जब मुख्य सचिव का दौरा मधुबन में था तो उस दौरान उन्होंने उक्त विद्यालय में दो सरकारी शिक्षक को पदस्थापित करने की मांग की थी. इस मांग पर आठ मई से एक शिक्षक को वहां पर नियुक्त किया गया है. प्रयास है कि एक और सरकारी शिक्षक की पोस्टिंग वहां हो जाये.

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