आंध्र प्रदेश की पुलिस ने खाता को करवाया था ब्लॉक
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साइबर क्राइम में दो युवक गिरफ्तार
आंध्र प्रदेश की पुलिस ने खाता को करवाया था ब्लॉक पकड़ाये युवक ने पूछताछ में अपने साथी समेत कई जानकारी दी गिरिडीह : आंध्र प्रदेश की पुलिस ने जिस बैंक खाते को ब्लॉक करवाया था उस खाते से पैसे की निकासी करने पहुंचे युवक को कॉरपोरेशन बैंक के कर्मियों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप […]
पकड़ाये युवक ने पूछताछ में अपने साथी समेत कई जानकारी दी
गिरिडीह : आंध्र प्रदेश की पुलिस ने जिस बैंक खाते को ब्लॉक करवाया था उस खाते से पैसे की निकासी करने पहुंचे युवक को कॉरपोरेशन बैंक के कर्मियों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने तहकीकात के बाद उक्त युवक के साथ उसके एक अन्य साथी को भी गिरफ्तार किया. पकड़े गये आरोपियों में अहिल्यापुर थाना इलाके के कोलडीह निवासी उपेंद्र राणा व रंजीत राणा शामिल हैं. इनके पास से पांच मोबाइल विभिन्न बैंकों के छह खाता बरामद किया गया है.
मामले की जानकारी सोमवार को नगर थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस निरीक्षक सह नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने दी है. उन्होंने बताया कि 11 अक्तूबर को कॉरपोरेशन बैंक गिरिडीह शाखा द्वारा ब्लॉक किये गये खाते से पैसा निकालने के प्रयास करते उपेंद्र राणा को पकड़ कर नगर पुलिस की गश्ती दल को सौंपा था. जांच के क्रम में उपेंद्र ने साइबर अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और अपने सहयोगी रंजीत राणा के बारे में जानकारी दी.जिसके बाद रंजीत को भी गिरफ्तार किया गया.
एक करोड़ से अधिक की ठगी : पुलिस निरीक्षक आदिकांत ने बताया कि उपेंद्र राणा के कॉरपोरेशन बैंक के खाते में जमा 26 हजार रुपये को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के कृष्णालंका थाना पुलिस ने ब्लॉक करवाया था. इसी तरह इसके फिनो बैंक के खाते में जमा 50 हजार रुपये को भी ब्लॉक करवाया गया था. वर्तमान में उपेंद्र के मोबाइल में 2.5 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन का डाटा मिला है. उपेंद्र ने 15 लाख रुपये की ठगी की बात भी पुलिस को बतायी है.
रंजीत राणा के पास से दिल्ली के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम मिला है. इस खाते में रंजीत ने ठगी का 2 लाख रुपया भी प्राप्त किया है. इसके अतिरिक्त इन अपराधियों के पास से फेडरल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पेटीएम खाता, फिनो बैंक का खाता समेत 10 से अधिक बैंकों के खाते का डिटेल मिला है.
पूछताछ में रंजीत ने बताया है कि वह तथा उसका सहयोगी मिराज तथा इनके ग्रुप के लोगों ने अभी तक लगभग एक करोड़ रुपये की ठगी की है. रंजीत व मिराज ठगी के पैसे में से 15 प्रतिशत रखता था बाकी पैसा फिल्ड के वैसे साइबर अपराधियों को देता था जो ठगी करने का काम करता था. रंजीत पूर्व में भी साइबर अपराध के मामले में जेल जा चुका है. इस कांड को लेकर उपेन्द्र, रंजीत, अजय मंडल व एक अन्य को नामजद किया गया है.
अभियान में ये थे शामिल : अभियान में अवर निरीक्षक राधेश्याम पांडेय, सअनि राजीव कुमार सिंह व टाइगर मोबाइल के जवान राजेश कुमार शामिल थे. जबकि युवकों की गिरफ्तारी में अहिल्यापुर थाना प्रभारी फैज अहमद का विशेष सहयोग रहा.
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