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दहेज हत्या में पति को दस वर्ष की सजा, मृतका के पिता ने दर्ज कराया था मामला
गिरिडीह : जिला व अपर सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने शनिवार को दहेज हत्याकांड में शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी को 10 वर्ष की सजा सुनायी है. यह मामला जमुआ थाना अंतर्गत तुरूकडीहा गांव का है. सूचक बिरनी थाना अंतर्गत मनकडीहा निवासी शेख नूर मोहम्मद के आवेदन पर जमुआ थाना में 01.06.2006 […]
गिरिडीह : जिला व अपर सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने शनिवार को दहेज हत्याकांड में शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी को 10 वर्ष की सजा सुनायी है. यह मामला जमुआ थाना अंतर्गत तुरूकडीहा गांव का है. सूचक बिरनी थाना अंतर्गत मनकडीहा निवासी शेख नूर मोहम्मद के आवेदन पर जमुआ थाना में 01.06.2006 को कांड संख्या 104/06 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
कहा था कि उसने अपनी बेटी अफसाना खातून की शादी शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी के साथ की थी. बेटी को नैहर से मोटरसाइकिल, रंगीन टीवी या 60 हजार रुपये मांगकर लाने के लिए ससुराल वाले दबाव देने लगे और उसे प्रताड़ित भी किया जाने लगा.
उसकी बेटी ने साल तक ससुराल वालों की बातों को बर्दाश्त किया, लेकिन जब उसके साथ प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया तब वह ससुराल से भागकर मनकडीहा आ गयी. कहा कि इसके बाद उसने पंचायत बुलायी और पंचायत के फैसले के बाद अपनी बेटी को पुन: ससुराल पहुंचा दिया. इस दौरान उसे एक बच्चा भी हुआ.
बाद में उसकी बेटी को ससुराल वालों ने जान से मार दिया और साक्ष्य छुपाने के लिए उसे आत्महत्या का रूप दे दिया. सत्रवाद संख्या 13/07 में अदालत ने धारा 304बी/34 भादवि में शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी (पिता बढन मलिक) को दोषी पाते हुए दस वर्ष की सजा सुनायी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अदालत में आठ गवाहों का पक्ष की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा ने बहस की. फैसले के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री सिन्हा ने कहा कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन वे उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे.
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