गिरिडीह. मुफस्सिल थाना में सोमवार को वन विभाग के रेंजर व कई वनरक्षियों के खिलाफ मारपीट की प्राथमिकी दर्ज की गयी है. यह प्राथमिकी थाना इलाके के पनयडीह निवासी राजेश पांडेय के फर्द बयान के आधार पर दर्ज की गयी है.
प्राथमिकी में राजेश ने कहा है कि 15 सितंबर की रात 10 बजे वह अपने घर पनयडीह जा रहा था. रास्ते में तिवारीडीह के पास वन विभाग के रेंजर सुबेaद्र मंडल व 10-15 वनरक्षियों ने घेर लिया और गाली देते हुए कहने लगा की तुम ही ट्रैक्टर पर पत्थर लोड कर बेचते हो. मेरे मना करने पर रेंजर के निर्देश पर वनरक्षियों ने मारपीट शुरू कर दी.
इस क्रम में रेंजर ने लोहे के रड से जान मारने की नियत से सिर पर वार किया,जिससे उसका माथा फट गया और वह जमीन पर गिर गया. जमीन पर गिरने के बावजूद उसकी पिटाई की जाती रही. बाद में सफेद कागज पर उससे जबरदस्ती अंगूठे का निशान ले लिया गया. हो-हल्ला सुनकर जब आसपास के लोग पहुंचे तो रेंजर व अन्य वनकर्मी भाग गये. कहा कि ग्रामीणों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया.
वन परिसर पदाधिकारी ने भी दर्ज करायी है प्राथमिकी
15 सितंबर की रात को अवैध पत्थर के उत्खनन व उसे ट्रैक्टर पर लोड कर ले जाने की सूचना पर वन विभाग के कर्मियों ने करहरबारी जंगल में छापामारी की थी. वहीं पत्थर लदा वाहन जब्त किया था. इस मामले को लेकर वन परिसर पदाधिकारी शिवशंकर सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
इसमें कहा था कि अवैध पत्थर को परसाटांड़ के राजेश वर्मा की फैक्ट्री में ले जाया जा रहा था. प्राथमिकी में राजेश पंडित, राजेश वर्मा, मोइन अंसारी समेत पांच लोगों पर छापामार दल पर हमला करने का भी आरोप लगाया था. कहा था कि भागने के क्रम में एक हमलावर गिर गया और घायल हो गया. इधर, अब घायल के द्वारा रेंजर समेत अन्य पर मारपीट का आरोप लगाने से मामले ने नया मोड़ ले लिया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है.