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निजी स्कूलों पर लगेगा अंकुश
गिरिडीह : शिक्षा विभाग निजी स्कूलों में शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के अनुपालन को कटिबद्ध है. विभाग किसी भी कीमत पर अध्यापन कार्य में अप्रशिक्षित व बगैर टेट उत्तीर्ण शिक्षकों की शिरकत नहीं चाहता. विभाग का निजी विद्यालयों के प्रबंधक व प्राचार्य को स्पष्ट निर्देश है कि अगर उनके स्कूल में अब भी अप्रशिक्षित व टेट […]
गिरिडीह : शिक्षा विभाग निजी स्कूलों में शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के अनुपालन को कटिबद्ध है. विभाग किसी भी कीमत पर अध्यापन कार्य में अप्रशिक्षित व बगैर टेट उत्तीर्ण शिक्षकों की शिरकत नहीं चाहता. विभाग का निजी विद्यालयों के प्रबंधक व प्राचार्य को स्पष्ट निर्देश है कि अगर उनके स्कूल में अब भी अप्रशिक्षित व टेट परीक्षा उत्तीर्ण की योग्यता नहीं रखने वाले शिक्षक-शिक्षिका मौजूद हैं तो उनसे अध्यापन कार्य नहीं कराया जाये. इस बाबत डीएसइ सह नोडल पदाधिकारी कमला सिंह ने जिला के सभी निजी विद्यालय के प्रबंधक व प्राचार्य के नाम पत्र प्रेषित किया है.
डीसी के निर्देश का अनुपालन जरूरी : पत्र में कहा कि डीसी के ज्ञापांक 303 दिनांक 20.04.2017 द्वारा एसडीओ की अध्यक्षता में निजी विद्यालय की जांच हेतु जांच दल गठित किया गया था. जांच प्रतिवेदन के आलोक में डीसी के निर्देश का अनुपालन करना जरूरी हो गया है.
इसमें कहा गया है कि झारखंड बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 में प्रावधानित है कि अप्रशिक्षित व टेट उत्तीर्णता की योग्यता नहीं रखने वाले व्यक्ति से शिक्षण का कार्य नहीं कराया जाये. अब अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की समय सीमा भी समाप्त हो गयी है. डीएसइ ने कहा कि अगर संबंधित योग्यता नहीं रखने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को तत्काल प्रभाव से कार्य से मुक्त नहीं किये जाने की स्थिति में उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
पीटीए की अनदेखी
डीएसइ ने कहा कि कतिपय निजी विद्यालयों में शुल्क वृद्धि का निर्णय पीटीए की बैठक में नहीं लेकर प्रबंधन ले रहा है और पीटीए के गठन में अभिभावकों का उचित प्रतिनिधित्व नहीं है. यह भी कहा कि कतिपय विद्यालय प्रबंधक विद्यालय परिसर में टाइ-बेल्ट, पाठ्य पुस्तक आदि सामग्रियों की बिक्री कर रहे हैं या बाजार की किसी खास दुकान से सामानों के क्रय को बाध्य किया जाता है. यह सीबीएसइ के दिशानिर्देश के प्रतिकूल व दंडनीय है. भविष्य में उक्त आदेश केे उल्लंघन का मामला पाये जाने पर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी.
नो लॉस-नो प्रोफिट पर हो संचालन
डीएसइ ने कहा कि कतिपय विद्यालयों में प्रयुक्त मोटर वाहन सुरक्षा मानकों का अनुपालन नहीं हो रहा और कतिपय विद्यालयों में एडमिशन फीस, विकास शुल्क, शिक्षण शुल्क, स्मार्ट क्लास शुल्क व विविध शुल्क के मद में भारी राशि छात्र-छात्राओं व अभिभावकों से प्राप्त की जा रही है.
ऐसे निजी विद्यालय के प्रबंधकों व प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि नो लॉस-नो प्रोफिट के सिद्धांत के तहत शुल्क का निर्धारण पीटीए की बैठक में रखा जाये, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
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