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दिव्यांग शरीफ नौकरी करने जाता है 22 किमी दूर
दिव्यांग शरीफ नौकरी करने जाता है 22 किमी दूर नजदीक के विद्यालय से हटा कर दूर के विद्यालय में भेज दिया गया गढ़वा : मझिआंव कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में लेखापाल के पद पर कार्यरत दिव्यांग शरीफ रजा शिक्षा विभाग की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने […]
दिव्यांग शरीफ नौकरी करने जाता है 22 किमी दूर
नजदीक के विद्यालय से हटा कर दूर के विद्यालय में भेज दिया गया
गढ़वा : मझिआंव कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में लेखापाल के पद पर कार्यरत दिव्यांग शरीफ रजा शिक्षा विभाग की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और उचित शिक्षा हासिल कर कस्तूरबा विद्यालय में नौकरी प्राप्त कर ली़ लेकिन अब शिक्षा विभाग ने उनका स्थानांतरण 22 किमी दूर मझिआंव प्रखंड में कर दिया है, जहां प्रतिदिन जाना उनके लिये परेशानी का सबब बना हुआ है.
वे किसी तरह घर से एक किमी दूर मझिआंव मोड़ बस स्टैंड पहुंचते हैं और वहां पर दूसरे के सहयोग से बस पर सवार होकर मझिआंव जाते हैं. मझिआंव बस स्टैंड से कस्तूरबा गांधी विद्यालय करीब दो किमी दूर है़ वहां जाना भी उनके लिये काफी परेशानी भरा होता है़
उन्होंने बताया कि नवंबर महीने में उनका स्थानांतरण मझिआंव कर दिया गया है़,जबकि इसके पूर्व अपने घर से मात्र पांच किमी दूर गढ़वा कस्तूरबा में पदस्थापित थे़ उन्होंने कहा कि हर जगह दिव्यांगों को घर के नजदीक पदस्थापित किया जाता है.
इस संबंध में कई बार उन्होंने अधिकारियों से गुहार लगायी है, लेकिन कोई उनकी दिव्यांगता पर तरस खानेवाला नहीं है़ वे घर की जिम्मेवारी को देखते हुए यह परेशानी उठा रहे हैं. उन्होंने मानवता के आधार पर अधिकारियों से घर के नजदीक के कस्तूरबा विद्यालय में पदस्थापित करने की गुहार लगायी है़
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