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नक्सली व धरना से बाधित हो रहा है एनएच-75 का काम
गढ़वा : पिछले छह सालों से निर्माणाधीन एनएच-75 के निर्माणकर्ता संवेदक पाटिल कंट्रक्शन को निर्माण पूरा करने के लिए भले ही 31 मार्च तक का समय मिल गया हो, लेकिन राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल मेदनीनगर के कार्यपालक अभियंता इससे संतुष्ठ नहीं है़ं कार्यपालक अभियंता ने पाटिल कंट्रक्शन के विरुद्ध टिप्पणी की है़ कार्यपालक अभियंता ने […]
गढ़वा : पिछले छह सालों से निर्माणाधीन एनएच-75 के निर्माणकर्ता संवेदक पाटिल कंट्रक्शन को निर्माण पूरा करने के लिए भले ही 31 मार्च तक का समय मिल गया हो, लेकिन राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल मेदनीनगर के कार्यपालक अभियंता इससे संतुष्ठ नहीं है़ं कार्यपालक अभियंता ने पाटिल कंट्रक्शन के विरुद्ध टिप्पणी की है़ कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्र संख्या 1406 में पाटिल कंट्रक्शन को बहानेबाज व एकरारनामा से बाहर काम करनेवाला बताया है़
उल्लेखनीय है कि पथ निर्माण विभाग के सचिव की समीक्षा बैठक के बाद कंपनी के कार्य की गति काफी मंद रहने एवं खराब स्थिति को देखते हुए शो कॉज नोटिश फॉर टरमिनेशन ऑफ कॉन्टेक्ट निर्गत किया गया था़ इसके आलोक में पाटिल कंट्रक्शन की ओर से जो जवाब दिया गया है, उसे कार्यपालक अभियंता ने सत्य से परे, एकरारनामा के बाहर तथा बहानेबाजी बताया है़ अपनी टिप्पणी में उन्होंने कहा है कि इससे जनता में काफी आक्रोश है. आंदोलन के कारण हमेशा विधि -व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है़
संवेदक कार्य बाधित रहने के लिए नक्सली को जिम्मेवारी बताया : कार्यपालक अभियंता के शोक कॉज के जवाब में संवेदक पाटिल कंट्रक्शन की ओर से नक्सलियों को जिम्मेवार बताया है़
कंपनी की ओर से कहा गया है कि नक्सल बंद, धमकी व विभिन्न राजनीतिक दलों व ग्रामीणों के धरना-प्रदशन की वजह से कार्य में बाधा उत्पन्न हुयी है़ कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्र में इसे नकारते हुए कहा है कि यह बिल्कुल सत्य से परे है़ कुछ नक्सल बंदी को छोड़कर व पलामू के राजहारा गांव में स्थानीय विवाद को छोड़कर कोई ऐसी घटना की सूचना नहीं है, जिससे कार्य में बाधा उत्पन्न हुई हो़ राजहारा गांव में स्थानीय विवाद को प्रशासन की ओर से कारवाई करते हुए निपटा दिया गया था़ कहीं से भी मशीनों को जलाने आदि की सूचना नहीं है़ कार्यपालक अभियंता ने यह भी कहा है कि उलटे पाटिल कंट्रक्शन द्वारा कार्य समय पर पूरा नहीं होने की वजह से आम जनता में काफी आक्रोश है. इसके कारण धरना-प्रदर्शन, आमरण अनशन, सड़क जाम किया जा रहा है़ अपने पत्र में इइ ने कहा है कि कार्य पूरा नहीं होने के कारण विभाग की छवि खराब हो रही है.
क्या है मामला : राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 75 के पड़वा मोड़ से मुड़ीसेमर तक 77 किमी लंबी सड़क 2010 से बनायी जा रही है़ टू लेन की इस सड़क को 18 महीने में पूरा कर लेना था, लेकिन छह साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी यह पूरी नहीं बनी है़ सांसद बीडी राम एवं विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने सदन में भी यह मामला उठाया था़ जिला व प्रमंडल स्तर पर अधिकारियों की समीक्षा बैठक में भी यह मामला उठा, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया़ इस बीच छह बार रिवाइज वर्क प्रोग्राम के अालोक में समय सीमा बढ़ायी गयी है़ सातवीं बार समय बढ़ाते हुए 31 मार्च का समय दिया गया है़ प्राक्कलन पुनरीक्षण के बाद अभी यह करीब 100 करोड़ की योजना हो गयी है़
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