गढ़वा : झारखंड एवं छत्तीसगढ़ की सीमा पर अवस्थित बूढ़ापहाड़ को एक ओर झारखंड पुलिस माओवादियों से शीघ्र मुक्त करने के अभियान में जुटी हुई है. वहीं दूसरी ओर बूढ़ापहाड़ पर शरण लिये माओवादियों ने छत्तीसगढ़ की सीमा में चल रहे निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा लेवी नहीं दिये जाने की प्रतिक्रिया में एक इंजीनियर […]
गढ़वा : झारखंड एवं छत्तीसगढ़ की सीमा पर अवस्थित बूढ़ापहाड़ को एक ओर झारखंड पुलिस माओवादियों से शीघ्र मुक्त करने के अभियान में जुटी हुई है. वहीं दूसरी ओर बूढ़ापहाड़ पर शरण लिये माओवादियों ने छत्तीसगढ़ की सीमा में चल रहे निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा लेवी नहीं दिये जाने की प्रतिक्रिया में एक इंजीनियर एवं एक कर्मचारी का अपहरण कर अपनी उपस्थिति का एहसास कराया है. माओवादियों ने इसके पूर्व सड़क निर्माण में लगे तीन हाइवा एवं एक जेसीबी सहित कई मशीनों को जला दिया है. इसके बाद माओवादियों के दहशत से फिलहाल सड़क निर्माण कार्य बाधित हो गया है.
खबर है कि माओवादियों ने इंजीनियर एवं सड़क निर्माण कार्य के कर्मचारी को अपहरण कर बूढ़ापहाड़ में ही बंधक बनाये हुए है. इस घटना को अंजाम देकर एक प्रकार से माओवादियों ने झारखंड एवं छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों की पुलिस प्रशासन को चुनौती देने का काम किया है. माओवादियों की इस घटना के बाद दोनों ही राज्यों की पुलिस की नींद उड़ गयी है. बूढ़ापहाड़ पर माओवादियों को घेरकर इंजीनियर व कर्मचारी को मुक्त कराने के लिये छत्तीसगढ़ एवं झारखंड पुलिस लगी हुई है. लेकिन घटना के तीन दिन बाद भी दोनों अपहृतों को मुक्त कराने में पुलिस को सफलता नहीं मिल पायी है.
अपहृतों को मुक्त कराने के लिये बूढ़ापहाड़ के पास चल रहा है अभियान
तीन दिन बाद भी अपहृत लोगों का सुराग नहीं लगा सकी है पुलिस
चूनचुना से किया गया है अपहरण
झारखंड की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला में सबाग से चूनचुना तकइस समय सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. भाकपा माओवादियों की ओर से सड़क संवेदक से मोटी लेवी की मांग की गयी थी. समय पर लेवी नहीं मिलने से नाराज माओवादियों का एक हथियारबंद दस्ता रविवार निर्माण स्थल पर पहुंचा और पहुंचते ही सड़क निर्माण कार्य में लगी तीन हाइवा, एक जेसीबी सहित कई मशीनों में आग लगा दी. घटना के बाद दस्ते ने लौटते समय एक कर्मचारी और उसकी देखरेख कर रहे अभियंता का अगवा कर लिया. बताया जा रहा है कि दोनों को माओवादियों ने अपने सुरक्षित पनाहगार बूढ़ापहाड़ पर ले आया है. इसकी सूचना छत्तीसगढ़ पुलिस को मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचकर सभी संबंधित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. पुलिस को दोनों अपहृतों को मुक्त कराने के लिये काफी दबाव है.
गढ़वा पुलिस कर रही है मदद : एसपी
बूढ़ापहाड़ का एक भाग झारखंड के गढ़वा और लातेहार जिला से लगा हुआ है, वहीं उसका दूसरा भाग छत्तीसगढ़ में पड़ता है. नक्सली इसी का लाभ उठाते रहे हैं. इसलिए माओवादियों को घेरने के लिये गढ़वा पुलिस भी सतर्क हो गयी है. गढ़वा एसपी मो अर्शी ने बताया कि अपहृत लोगों को बुढ़ापहाड़ पर ही रखे जाने की सूचना है. इसलिये पुलिस बुढ़ापहाड़ को केंद्रित कर कार्रवाई में जुटी है. उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ के वरीय पुलिस पदाधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं. अपहृतों को सकुशल वापस लाने के लिये गढ़वा पुलिस छत्तीसगढ़ पुलिस को पूरा सहयोग कर रही है.