स्थल पर 2000 ईंट, एक ट्रैक्टर बालू तथा पांच बोऱा सिमेंट पाया गया. लाभुक ने मनरेगा लोकपाल को बताया कि बकरी बेच कर 4000 रुपये पंचायत मुखिया को शेड की स्वीकृति देने के लिए दिया है. लोकपाल ने गांव में ही चंद्रदेव चौधरी का गाय शेड की जांच की. जांच के दौरान लाभुक ने बताया कि चार माह पूर्व ही शेड का निर्माण पूर्ण किया है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है.
ज्ञात हो कि कुछ लाभुकों ने पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी को निर्माण के बाद भी भुगतान नहीं होने कि लिखित शिकायत किया था. इसके आलोक में पूर्व मंत्री ने मनरेगा आयुक्त से मिल कर मामले की जानकारी दी गयी थी तथा मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था. मौके पर पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी व मनरेगा बीपीओ, रोजगार सेवक, मुखिया व लाभुक उपस्थित थे.