गणित, अंग्रेजी, विज्ञान जैसे मुख्य विषयों के शिक्षक नहीं हैं. विभाग यह सबकुछ जानती है कि विद्यालय में शिक्षक की कमी है. इसके बावजूद बेहतर शिक्षा देने की बात किया जाना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना नहीं तो और क्या है. विभाग द्वारा बार-बार बेहतर परिणाम के लिए शिक्षकों पर दबाव बनाने की सुना जाता है.
छात्रों की संख्या 537 है. उच्च विद्यालय में कम से कम सभी विषयों के एक-एक शिक्षक तो होना ही चाहिए. शिक्षकों की कमी भी खराब परीक्षा परिणाम के मुख्य कारण हैं.अनुमंडल मुख्यालय स्थित इस उच्च विद्यालय को प्लस टू का दर्जा प्राप्त है और इस विद्यालय में इंटर कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय की पढ़ाई भी होती है. इंटर के लिए शिक्षकों के 11 पद सृजित किये गये हैं, जिनमें पांच शिक्षक ही कार्यरत हैं. इंटर के लिए क्लर्क, अनुसेवक, प्रयोगशाला के लिए कोई कर्मी नहीं है. इस उच्च विद्यालय से कई छात्र पढ़ कर उच्च पदों को सुशोभित किया, जिनमें पीएन सिन्हा (सेवानिवृत्त जज) धर्म प्रकाश अभियंता, मनोरंजन कुमार (एडिशनल जज), डॉ शुक्ला प्रसाद (वरिष्ठ वैज्ञानिक, बीएचयू), डॉ धर्मचंद लाल अग्रवाल (प्रोफेसर नामधारी कॉलेज), अभय प्रकाश वर्मा (कस्टम अधिकारी मुंबई) संतोष कुमार (रिटायर इंजीनियर), उमेश कुमार (एयर फोर्स अधिकारी), कमेश कुमार (कार्यपालक अभियंता) सहित कई नाम शामिल हैं.