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क्लीन व ग्रीन घाटशिला के लिए सभी का सहयोग जरूरी

घाटशिला स्वच्छता उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक, बोले विधायक घाटशिला : घाटशिला को क्लीन और ग्रीन बनाने के लिए सोमवार को अनुमंडल अस्पताल सभागार में विधायक लक्ष्मण टुडू की अध्यक्षता में घाटशिला स्वच्छता उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक हुई. विधायक ने कहा कि 10-15 वर्षों के बाद घाटशिला में बदलाव नजर आयेगा. शहर को क्लीन और […]

घाटशिला स्वच्छता उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक, बोले विधायक

घाटशिला : घाटशिला को क्लीन और ग्रीन बनाने के लिए सोमवार को अनुमंडल अस्पताल सभागार में विधायक लक्ष्मण टुडू की अध्यक्षता में घाटशिला स्वच्छता उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक हुई. विधायक ने कहा कि 10-15 वर्षों के बाद घाटशिला में बदलाव नजर आयेगा. शहर को क्लीन और ग्रीन रखने के लिए सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी. इसलिए पंचायत प्रतिनिधि और व्यापारी भी साथ दें.
स्वच्छता उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया. विधायक ने कहा कि आइसीसी के पास भूमि अधिक है. वह भूमि को उन्हें दे, ताकि भूमि पर पार्क बनाया जा सके. यहां के लोगों को घूमने और बैठने के लिए उपयुक्त जगह मिल सके.
बुरुडीह डैम की स्वच्छता के लिए बनेगी कमेटी
एसडीओ ने कहा कि बुरुडीह डैम के आसपास की स्वच्छता के लिए अभी कमेटी नहीं बनी है. विधायक से इस दिशा में पहल करने की बात कही गयी है. विधायक के साथ डैम का निरीक्षण किया जायेगा. इसके बाद स्वच्छता के लिए पहल की जायेगी. बैठक में कई विषयों पर चर्चा की गयी. नाली सफाई और दुकानों के आगे डस्टबिन रखने पर बल दिया गया.
बैठक में कार्यपालक दंडाधिकारी देवेंद्र कुमार दास, सीओ राजेंद्र प्रसाद सिंह, बीडीओ संजय पांडेय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एसडीओ, जेइ, जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू, पूर्णिमा कर्मकार, प्रमुख हीरामनी मुर्मू, उप प्रमुख श्रवण अग्रवाल, पंसस बुद्धेश्वर मार्डी, आनंद अग्रवाल, संजय अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, फकीर चंद्र अग्रवाल, सुदर्शन बेहरा, दिनेश साव समेत कई लोग उपस्थित थे.
बैठक को संबोधित करते विधायक व अन्य.
उच्च स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष बने विधायक
घाटशिला को क्लीन व ग्रीन बनाने के लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी में अध्यक्ष विधायक लक्ष्मण टुडू, सचिव एसडीओ सुशांत गौरव और सदस्यों में पंचायत समिति सदस्य माला डे, राजू चौहान, काली राम शर्मा, बीडीओ, सीओ, आइसीसी के यूनिट हेड और आइआरएल के महाप्रबंधक, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी को शामिल किया गया. इसमें एसडीओ ने पूछा कि पूर्व में शहर की स्वच्छता के लिए क्या प्रबंध था. बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि पूर्व में नागरिक सेवा समिति गठित की गयी थी. विभिन्न जगहों पर ट्रॉली चालक ट्रॉली लेकर जाते थे. सीटी बजाते थे और घर के कचरे ट्रॉली पर लाद कर सुवर्णरेखा नदी के किनारे डंप करते थे. एक माह में प्रत्येक घर से उन्हें 40 रुपये मिलते थे. अब ट्रॉली की संख्या में वृद्धि करनी होगी. ट्रॉली चालकों को भी रखना होगा. एसडीओ ने कहा कि शहर की सफाई के लिए जो भी लोग रखे जायेंगे. उन्हें मानदेय दिया जायेगा. यह जरूरी नहीं है कि काम नहीं करने वाले लोगों को रखा जाय. ऐसे में काम नहीं होगा. दो सप्ताह के अंदर पुराने सामान को इकट्ठा किया जाये, ताकि उनकी मरम्मत हो सके. अगर मरम्मत नहीं होगी तो नयी ट्रॉली खरीदी जायेगी.

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