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उत्क्रमित मध्य विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र में बने हैं शौचालय, मगर पानी के अभाव में नहीं हो रहा उपयोग

घाघरा गांव की आबादी है 554 गांव में सार्वजनिन शौचालय भी नहीं चाकुलिया : देश में स्वच्छता अभियान की बयार बह रही है. लोगों को खुले में शौच नहीं करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. शौचालय में शौच करने की नसीहत दी जा रही है. सरकारी स्तर पर शौचालय का निर्माण हो रहा […]

घाघरा गांव की आबादी है 554

गांव में सार्वजनिन शौचालय भी नहीं
चाकुलिया : देश में स्वच्छता अभियान की बयार बह रही है. लोगों को खुले में शौच नहीं करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. शौचालय में शौच करने की नसीहत दी जा रही है. सरकारी स्तर पर शौचालय का निर्माण हो रहा है. बेटी देंगे, उस घर में, शौचालय होगा जिस घर में और मन का मंदिर देवालय, तन का मंदिर शौचालय जैसे नारे लगाये जा रहे हैं. वहीं चाकुलिया प्रखंड की माटियाबांधी पंचायत स्थित पहाड़ों पर बसे घाघरा गांव में एक भी शौचालय नहीं है. यहां पर कोई सार्वजनिन शौचालय नहीं है. ऐसे में यहां की शत-प्रतिशत आबादी शौच के लिए जंगल और झाड़ियों पर आश्रित है.
घाघरा गांव के चार टोलों में 120 परिवार निवास करते हैं. यहां की आबादी 554 है. इनमें 302 पुरुष और 252 महिलाएं शामिल हैं. इस गांव में कोई ऐसा घर नहीं है, जिसमें शौचालय है. वहीं सार्वजनिन शौचालय भी नहीं है. लिहाजा यहां के सभी पुरुष और महिलाएं शौच करने के लिए जंगलों में जाते हैं.
गांव में पानी का घोर संकट
इस गांव में जल का घोर संकट रहता है. ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं है. बाध्य होकर ग्रामीण घाघ झरना का पानी पीते हैं. स्कूल में मध्याह्न भोजन भी झरना के पानी से बनता है. गांव के चार चापानल खराब हैं. सरकारी कुंआ बेकार पड़ा है. तत्कालीन विधायक विद्युत वरण महतो की विधायक निधि से निर्मित डिप बोरिंग का पंप महीनों से खराब है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर चापानल सफल नहीं होता है.

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