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पटमदा : 12 रुपये प्रति किलो टमाटर खरीद रहे हैं थोक व्यापारी

पटमदा : आमदनी बढ़ने से सब्जियों की खेती में प्रसिद्ध पटमदा के लाल लाल टमाटर अब दूसरे राज्यों को आपूर्ति की जाने लगी है. किसानों से खरीदारी पटमदा के विभिन्न चौक चौराहों पर कैंप लगा कर टमाटर की खरीदारी कर रहे हैं. लेकिन इस सीजन में रामगढ़, हजारीबाग व नासिक के टमाटर बाजार में आने […]

पटमदा : आमदनी बढ़ने से सब्जियों की खेती में प्रसिद्ध पटमदा के लाल लाल टमाटर अब दूसरे राज्यों को आपूर्ति की जाने लगी है. किसानों से खरीदारी पटमदा के विभिन्न चौक चौराहों पर कैंप लगा कर टमाटर की खरीदारी कर रहे हैं. लेकिन इस सीजन में रामगढ़, हजारीबाग व नासिक के टमाटर बाजार में आने से किसानों को टमाटर के उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि पटमदा के किसानों को 12 से 13 रुपये प्रति किलो टमाटर बेचना पड़ रहा है.

व्यापारी पटमदा के किसानों से टमाटर खरीदकर पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा, बर्दमान, खड़गपुर, कोलकाता, भद्रक, भुवनेश्वर व कटक के बाजारों में 15 से 16 रुपये किलो की दर से बेच रहे हैं. विदित हो कि पटमदा व बोड़ाम के किसानों को टमाटर के शुरुआती सिजन में जहां टमाटर 20 से 25 रुपये किलो रहता था. वहीं इस वर्ष 12 से 13 रुपये किलो बेचना पड़ रहा है. जिससे किसानों में मायूसी है. महाराष्ट के नासिक व रामगढ़ हजारीबाग के टमाटर बिहार, यूपी, बंगाल व अोड़िशा आदि राज्यों के बाजारों में पहुंचने से टमाटर की यह स्थिति उत्पन्न हुर्इ है. यही हाल रहा तो एक माह बाद आमदनी बढ़ने पर पटमदा व बोड़ाम के किसानों के टमाटर की कीमत घटकर आधी हो जायेगी.

व्यापारी टमाटर की खरीददारी कर रहे : पटमदा के बेलटांड़ चौक, जल्ला चौक, रांगाटांड़, काटिन व पटमदा में बाहर के व्यापारी टमाटर की खरीददारी कर रहे हैं.
हजारीबाग व नासिक के टमाटर बाजार पहुंचने से गिरे भाव
दूसरे राज्यों में निर्यात किया जाने लगा है पटमदा का टमाटर
एक माह बाद आमदनी अधिक होने पर और गिरेगा टमाटर का भाव
नोट बंदी से भी हुई परेशानी : व्यापारी
टमाटर व्यापारी सुधीर महतो ने बताया कि टमाटर के भाव गिरने का मुख्य कारण नासिक व हजारीबाग के टमाटर दूसरे राज्य के बाजारों में सप्लाई करना है. साथ ही 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट पर प्रतिबंध लगने से परेशानी और बढ़ गयी है. मंडी में आज भी व्यापारियों को पुराने नोट पर काम चलाना पड़ रहा है. छोटे किसानों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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