गालूडीह : धान की परंपरागत खेती के अलावा अब किसान सब्जी समेत अन्य दलहन, तेलहन की खेती की ओर भी मुड़ रहे हैं. इस बात को दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक समेत किसानों के हित में काम करने वाली कई स्वयं सेवी संस्थाएं में मानती है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ आरती वीणा एक्का कहती है कि हां यह सच है कि किसान धीरे-धीरे धान के अलावा सब्जी, बागवानी, दलहन, तेलहन की खेती भी करने लगे हैं. कई किसान तो नगदी फसलों की ओर भी अग्रसर है. कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि पूर्व में इस क्षेत्र के किसान खरीफ में सिर्फ धान की खेती करते थे. इसके बाद खेत परती रहता था, परंतु अब कुछ हद तक बदलाव आया है.
जहां जल श्रोत है, सिंचाई की सुविधा है, वहां किसान एक बड़े भू-भाग में रबी की फसल उपजा रहे हैं. रबी के मौसम में गेहूं, गोभी, टमाटर, बैगन, लौकी, सरसों, मूली, आलू की खेती कर रहे हैं. वहीं खरीफ में धान के अलावा नेनुआ, टेंडा, कद्दू, भिंडी की भी खेती किसान करने लगे हैं.
कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कृषि के क्षेत्र में और जागरूकता की जरूरत है. संसाधन भी किसानों को उपलब्ध कराना पड़ेगा. किसान कहते हैं सिंचाई की सुविधा बड़ी समस्या है. यह मिले तो हम बारहों माह खेती कर सकते हैं. घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी, बाघुड़िया आदि पंचायत के विभिन्न गांवों में रबी के मौसम में सब्जी की खेती लहलहा रही है. यह प्रत्यक्ष प्रमाण है कि किसान धान के अलावा सब्जी की खेती की और भी मुड़ने लगे हैं.