बेनाशोल के 19 मजदूर मकर के बाद गये थे बेंगलुरु रोजगार करने, नहीं मिली मजदूरी
मुबासनी : प्रखंड के फॉरेस्ट ब्लॉक तथा बेनाशोल पंचायत के 19 मजदूर रोजगार की तलाश में मकर के बाद बेंगलुरु पलायन कर गये थे. मजदूरों को काम दिलाने की बात कह कर डीबर बोदरा बेंगलुरु ले गये थे. सड़क निर्माण में मजदूरी करने गये मजदूरों को वहां बिना वेतन के ही मजदूरी करनी पड़ रही है.
प्रताड़ना से तंग आ कर बाजार करने के बहाने वहां से पांडू मानकी समेत चार मजदूर किसी तरह भाग कर भूखे-प्यासे अपने गांव लौटे और आपबीती सुनायी और वहां फंसे मजदूरों की जानकारी दी. भाग कर पहुंचे मजदूरों ने बताया कि मकर के बाद 19 महिला-पुरुष मजदूर बेंगलुरु के केएमसी ठेका कंपनी में गये थे.
वहां सड़क बनाने के काम के लिए चार सौ रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने की बात कही गयी थी, लेकिन वहां जाने पर ठेकेदार द्वारा प्रति दिन दो सौ रुपये मजदूरी देने की बात कही गयी, लेकिन काम करने के महीनों बाद भी मजदूरी नहीं दी गयी. सप्ताह में केवल एक सौ रुपये खाने के लिए दिये जाते थे.
मजदूरी मांगने तथा घर वापस जाने की बात कहने पर गाली-ग्लौज तथा मारपीट की जाती थी. भाग कर पहुंचे पांडू ने बताया कि वहां फंसे 15 महिला-पुरुष मजदूरों की चिंता है. उन्होंने बताया कि वहां सोहदा के डीबर बानरा, मंगल बानरा, सुनीता गोलमाई, गुम्दीबेड़ा की सुमी तीयू, नरसिंह देवगम, अजीत मार्डी, दुलू पूर्ति, सोमायडीह के चरण मुमरू, बाड़ेदा के तुरी सोय, नाकटी के डीबर हेंब्रम बेंगलुरु में फंसे हैं.