मुसाबनी : मजदूरी करने बेंगलुरू गया मुसाबनी के सिल्दाडेरा का मेहताब आलम (16) डेढ़ माह से लापता है. मेहताब के पिता तौफिक बेटे की तालाश में भटक रहे हैं. मां बदरूनिशा बेटे के गम में बीमार पड़ गयी है.
मेहताब के मामले में सांसद डॉ अजय कुमार की पहल पर झारखंड सरकार ने कर्नाटक के डीजीपी को पत्र लिखा है. जानकारी के अनुसार कर्नाटक पुलिस लापता मेहताब का पता लगाने का जिम्मा वहां के सीआइडी को सौंपा है. मेहताब के मामा अपने लापता भगीने की खोज में लगे हैं.
युनूस झारखंड सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव एनएन पांडे से मिल कर लापता मेहताब को ढूंढ़ने में मदद की गुहार लगायी है. एनएन पांडेय ने मेमो संख्या 141/पीएंडसी रांची दिनांक 27 जुलाई 13 द्वारा कर्नाटक के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसके पटनायक को पत्र लिख कर मेहताब का पता लगाने का अनुरोध किया है.
श्री पांडेय ने अपने पत्र में लिखा है कि रोजगार देने की बात कह कर मेहताब को बेंगलूरू ले जाकर अपहरण करके रखा गया है. इस पत्र के बाद वहां का गृह विभाग सक्रिय हुआ. पूर्व में सांसद डॉ अजय कुमार ने कर्नाटक के डीजीपी को पत्र लिख कर लापता मेहताब को ढुंढ़ने का अनुरोध किया है. जानकारी हो कि मेहताब मजदूरी कराने की बात कह कर मुसाबनी का मो नसीम बंगुलुरू ले गया था. घर वालों से पिछले डेढ़ माह से मेहताब को की कोई बात नहीं हुई है.
जानकारी लेने पर मो नसीम ने बताया कि मेहताब आलम 17 जून को घर आने के लिए यशवंतपुर–टाटानगर ट्रेन पर बैठा दिया था. उसके बाद से आज तक मेहताब आलम का कोई पता नहीं चल पाया है. ईद का त्योहार आ रहा है, लेकिन तौफिक का परिवार बेटे को लेकर चिंतित है.