बहरागोड़ा : ज्ञान रूपी रत्न से ही भारत आगे बढ़ेगा. पंडित बैद्यनाथ मिश्रा ने समाज काे अपना जीवन दे दिया. अपने ज्ञान को बांटा. उनके दिये ज्ञान का प्रचार-प्रसार करें. उक्त बातें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहीं. गुरुवार को वे बहरागोड़ा के शासन गांव स्थित शिव मंदिर परिसर में शशांक शेखर दाश की अध्यक्षता में आयोजित दिवंगत साहित्यकार पंडित बैद्यनाथ मिश्रा के जन्म शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. श्री मुंडा ने कहा कि मानव अच्छे कर्मों से महामानव बनता है.
बैद्यनाथ मिश्रा ने जिस तरह से सहज और सरल जीवन व्यतीत करते हुए समाज को ज्ञान का भंडार दिया, वे प्रेरणादायक हैं. तब के कालखंड में शिक्षा के केंद्र कम हुआ करते थे. संसाधन कम हुआ करते थे. बावजूद बैद्यनाथ मिश्रा ने चिंतन की धारा से क्षेत्र को रौशन किया. समाज को मार्ग दर्शन दिया. बैद्यनाथ मिश्रा ने अपनी आंखों से न सिर्फ बाहरी धरातल को देखा. वरन आंतरिक धरातल को भी झांका और अपनी रचनाओं से समाज को नयी दिशा दी.
उन्होंने कहा कि मार्ग दर्शक मिलने से मंजिल मिल जाती है. उनकी रचनाओं और उनके सादगीपूर्ण जीवन से वातावरण समृद्ध बना. अच्छे वातावरण से निर्माण की क्षमता बढ़ती है और दूषित वातावरण से विध्वंस बढ़ती है. उनकी वाणी से जीवन को पद्धति मिलती है. ऐसे व्यक्ति ही दिव्य बन जाते हैं. समाज को कुछ देने वालों की श्रेणी में पंडित बैद्यनाथ मिश्रा अग्रणी हैं.
समारोह में ये थे उपस्थित
समारोह में आशुतोष मिश्रा, उप प्रमुख रूमा रानी दुबे, डॉ चित्तरंजन महापात्रा, ए विश्वनाथ, चित्त गोपाल शर्मा, विजय शंकर मिश्रा, रामनाथ सिंह, रंजीत सिंह, अजित पात्र, शंभु मल्लिक, निर्मल दुबे, संजय प्रहराज, आदित्य प्रधान, असित मिश्रा, चंडी चरण साव, गौरी शंकर महतो, खितिश मुंडा, साधन मल्लिक, शक्तिपद दास, जगन्नाथ नायक, अर्पणा प्रहराज, शशांक पातर, गणेश नायक, अनूप नायक, दिपेंदु दास, हिमांशु प्रहराज, दीपक दलाई, शुभम नायक समेत सैकड़ों पुरूष और महिलाएं उपस्थित थे.
सुबह मिली राज्यपाल के नहीं आने की जानकारी
शासन में आयोजित दिवंगत साहित्यकार पंडित बैद्यनाथ मिश्रा के जन्म शताब्दी समारोह में अपरिहार्य कारणों से राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू शामिल नहीं हो सकीं. गुरुवार सुबह सात बजे जानकारी मिली कि राज्यपाल उक्त समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगी. इधर, उनके आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन एवं आयोजक समिति द्वारा सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी थी. उनके आगमन को लेकर पाटबेड़ा में हेलीपैड का निर्माण किया गया था, जहां वे सुबह दस बजे हेलीकॉप्टर से उतरने वाली थीं. लेकिन समारोह से महज कुछ घंटे पहले राज्यपाल के नहीं आने की जानकारी मिली. इससे आयोजक में थोड़ी मायूसी भी रही.
बैद्यनाथ मिश्रा ने समाज को ज्ञान का भंडार दिया, वे प्रेरणादायक : अर्जुन मुंडा
साहित्यिक कल्चरल सेंटर बने शासन : कुणाल
बतौर विशिष्ट अतिथि विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पंडित बैद्यनाथ मिश्रा के विचारों को अपने जीवन में उतारना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. विधायक ने कहा कि आज के युवा भाषा-संस्कृति से दूर हो रहे हैं. अंग्रेजी जरूरी है, लेकिन अपनी मातृभाषा की बली देकर नहीं. युवाओं में पढ़ने की प्रवृत्ति घट रही है. आज के युवा पुस्तक और पुस्तकालय की मांग नहीं करते हैं. विधायक ने कहा कि वे यहां के धालभूम ओड़िया लाइब्रेरी में पुस्तकें देंगे. पुस्तकालय भवन को बनवायेंगे. विधायक ने कहा कि शासन गांव में साहित्यिक कल्चरल सेंटर बनाया जाये. इसके लिए वे विधान सभा में आवाज उठायेंगे.
पंडित बैद्यनाथ मिश्रा की जीवनी से प्रेरणा लें : सरोज
समारोह में भाजपा के जिलाध्यक्ष सरोज महापात्रा ने कहा कि पंडित बैद्यनाथ मिश्रा ने अपने सरल जीवन और अपनी काव्य रचना से समाज को नयी दिशा और दशा दी. युवा उनके जीवन तथा उनके रचनाओं से प्रेरणा लें. समारोह को भाजपा नेता समीर महंती ने भी संबोधित किया. स्वागत भाषण वनवासी कल्याण केंद्र के नगर प्रमुख प्रणव दत्त ने दिया. समारोह का संचालन सोमनाथ मिश्रा ने किया. धन्यवाद ज्ञापन शशांक शेखर दाश ने किया. इसके पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उद्घाटन किया. मंच पर अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया.