सुवर्णरेखा परियोजना के अभियंताओं ने की जांच, कहा
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जमींदोज हो सकता है गालूडीह थाना भवन
सुवर्णरेखा परियोजना के अभियंताओं ने की जांच, कहा आजतक भवन की मरम्मत नहीं हुई, छत झड़ गयी है, पानी टपकता है गालूडीह : सुवर्णरेखा परियोजना के सहायक अभियंता जयराम प्रसाद के नेतृत्व में अभियंताओं की एक टीम ने शुक्रवार को जर्जर गालूडीह थाना भवन की जांच की. थाना परियोजना के खाली पड़े 35 साल पुराना […]
आजतक भवन की मरम्मत नहीं हुई, छत झड़ गयी है, पानी टपकता है
गालूडीह : सुवर्णरेखा परियोजना के सहायक अभियंता जयराम प्रसाद के नेतृत्व में अभियंताओं की एक टीम ने शुक्रवार को जर्जर गालूडीह थाना भवन की जांच की. थाना परियोजना के खाली पड़े 35 साल पुराना जर्जर भवन में चल रहा है. जांच के बाद एई जयराम प्रसाद ने बताया कि भवन की मियाद पूरी हो चुकी है. इसे रिजेक्ट किया जायेगा.
इसकी रिपोर्ट परियोजना के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को भेजेंगे. छत से पानी टपक रहा है. छत झड़ कर गिर चुका है. छत में लगे रड दिख रहे हैं. रड में जंग लग गये हैं. भवन कभी भी गिर सकता है. इसकी मरम्मत संभव नहीं है. इसे तोड़ कर नया बनाना होगा. उन्होंने कहा पूर्व में इइ एसके वर्णवाल के निर्देश पर जांच की गयी थी.
प्राक्कलन बनाया गया था. भवन बनने के बाद मरम्मत नहीं हुई है. थाना खुलने के बाद रंगाई-पोताई ही हुई है. भवन कमजोर हो गया है. कभी भी हादसा हो सकता है.
पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की जान जोखिम में
गालूडीह थाना भवन के ऊपर तल्ले में जवान रहते हैं. वहीं नीचे थाना प्रभारी समेत अन्य. पिछले चार दिनों तक लगातार बारिश से भवन और जर्जर हो चुका है. जर्जर भवन में रहने से पुलिस पदाधिकारियों और जवानों के जान को खतरा है.
छह साल बाद भी नहीं बना नया थाना भवन
गालूडीह का नया मॉडल थाना भवन एनएच 33 किनारे बनेगा. जमीन अधिग्रहित हो चुकी है, लेकिन टेंडर नहीं होने से भवन निर्माण कार्य छह साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया. एक दफा टेंडर हुआ था, लेकिन जमीन की अड़चन आने के
काम अधर में लटक गया. झारखंड पुलिस हाउसिंग बोर्ड थाना भवन निर्माण करायेगा.
35 साल पुराने जर्जर भवन में 2011 से चल रहा थाना
जब थाना खुला, तब परियोजना से पुलिस विभाग ने अनुमति नहीं ली. बिना अनुमति भवन पर कब्जा कर थाना खोल दिया गया. इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों से की गयी थी. इसलिए आज तक भवन की मरम्मत में अचड़न आयी. अब स्थिति यह है कि मरम्मत नहीं हो सकती. इसे तोड़कर बनाना पड़ेगा.
– जय राम प्रसाद, एसडीओ, एसएमपी
सुवर्णरेखा परियोजना का भवन है. इसलिए पुलिस विभाग इस भवन की मरम्मत नहीं करा पा रहा है. कई बार वरीय पुलिस पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है. परियोजना पदाधिकारियों को मरम्मत के लिए पत्र लिखा गया है. अभियंताओं की टीम आयी थी. जांच कर गयी है.
– संजय कुमार सिंह, थाना प्रभारी, गालूडीह
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