जर्जर भवन में डर से पढ़ने नहीं जाते हैं बच्चे
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तीन साल से झोपड़ी में चल रहा विद्यालय
जर्जर भवन में डर से पढ़ने नहीं जाते हैं बच्चे बच्चों की संख्या लगातार घटती गयी अब सिर्फ 20 बच्चे ही पढ़ते हैं स्कूल में झोपड़ी में बनता है बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बहरागोड़ा : बहरागोड़ा प्रखंड की गोपालपुर पंचायत स्थित गोबराशोल प्राथमिक विद्यालय जन प्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण तीन […]
बच्चों की संख्या लगातार घटती गयी
अब सिर्फ 20 बच्चे ही पढ़ते हैं स्कूल में
झोपड़ी में बनता है बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा प्रखंड की गोपालपुर पंचायत स्थित गोबराशोल प्राथमिक विद्यालय जन प्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण तीन साल से झोपड़ी में चल रहा है. बच्चों को मध्याह्न भोजन एक झोपड़ी में बनता है. इस विद्यालय में बच्चों की संख्या लगातार घटती गयी. अब सिर्फ 20 बच्चे नामांकित है. बरसात में स्कूल चलाने में कठिनाई होती है.
ग्रामीणों के मुताबिक विद्यालय भवन का वर्ष 2000 में डीपीपी बना था. संवेदक ने घटिया स्तर का निर्माण किया. इससे चंद वर्षों में विद्यालय भवन जर्जर हो गया. किसी अप्रिय घटना की आशंका से ग्रामीणों ने बच्चों को जानलेवा विद्यालय भवन में पढ़ने से मना कर दिया. ग्रामीणों के सहयोग से एक झोपड़ी बनायी गयी.
पिछले तीन साल से इसी झोपड़ी में विद्यालय चल रहा है. बच्चों को लिए मध्याह्न भोजन भी एक झोपड़ी में बनाया जाता है. इस विद्यालय में सरकारी शिक्षक पदस्थापित नहीं है. दो पारा शिक्षकों के भरोसे स्कूल चलता है. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गौरी दंडपाट ने बताया कि भवन को लेकर कई बार बीइइओ से शिकायत की गयी. मगर कोई पहल नहीं हुई. पंचायत समिति के सदस्य रवींद्र नायक ने कहा कि सरकार शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. मगर यहां बच्चे सरकारी लापरवाही से शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. यही हाल रहा तो यहां शिक्षा की ज्योति बुझ जायेगी. बीइइओ विनय कुमार दूबे ने कहा कि मामला संज्ञान में है. भवन को लेकर वरीय अधिकारियों को अवगत
कराया जायेगा.
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