परेशानी. भगवान भरोसे संचालित कई सरकारी स्कूल, अधर में बच्चों का भविष्य
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कहीं शिक्षक तो कहीं संसाधनों की कमी
परेशानी. भगवान भरोसे संचालित कई सरकारी स्कूल, अधर में बच्चों का भविष्य मध्य विद्यालय के शिक्षक ले रहे उच्च विद्यालय की कक्षा डेस्क-बेंच नहीं, दरी पर बैठ कर पढ़ रहे बच्चे रानीश्वर/मसलिया : रानीश्वर और मसलिया में इन दिनों कई विद्यालय भगवान भरोसे संचालित हो रहे हैं. इन स्कूलों में केवल समस्याएं ही समस्याएं है. […]
मध्य विद्यालय के शिक्षक ले रहे उच्च विद्यालय की कक्षा
डेस्क-बेंच नहीं, दरी पर बैठ कर पढ़ रहे बच्चे
रानीश्वर/मसलिया : रानीश्वर और मसलिया में इन दिनों कई विद्यालय भगवान भरोसे संचालित हो रहे हैं. इन स्कूलों में केवल समस्याएं ही समस्याएं है. एक तरह जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए विषयवार शिक्षक नहीं हैं, वहीं दूसरी ओर संसाधनों का भी घोर अभाव है. स्कूलों में बच्चे नीचे दरी पर बैठकर पढ़ते हैं. रानीश्वर प्रखंड के गोबिंदपुर पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय का ठीक ऐसा ही हाल है. वर्ष 2013 में डूमरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया था. लेकिन, अब तक विभाग द्वारा बच्चों के पठन पाठन के लिए एक भी शिक्षक पदस्थापित नहीं किये गये हैं
और न ही उच्च विद्यालय के लिए कोई संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं. वर्ष 2013 में उच्च विद्यालय खोले जाने के बाद मध्य विद्यालय परिसर में ही उच्च विद्यालय संचालित हो रहा था. बाद में विभाग की ओर से प्राथमिक विद्यालय जामग्राम से एक पारा शिक्षक पार्थ चक्रवर्ती की प्रतिनियुक्ति यहां की गयी. लेकिन हाल ही विभाग द्वारा सभी शिक्षकों का प्रतिनियुक्ति रद्द कर दिया गया और यह विद्यालय शिक्षक विहीन हो गया. क्योंकि जून महीने में प्रतिनियिुक्त पारा शिक्षक श्री चक्रवर्ती ने मूल
विद्यालय जामग्राम में योगदान कर लिया. स्कूल के कक्षा 9 में 19 और 10 में 24 बच्चे नामांकित है़ं शिक्षा विभाग की ओर से 64 लाख रुपये की लागत पर स्कूल का दो मंजिला भवन बनाया गया है, जिसका विधिवत उदघाटन अप्रैल 2016 में किया गया था. डूमरा मध्य विद्यालय परिसर से कुछ ही दूरी पर उच्च विद्यालय का भवन बनाया गया है़
ऐसे में मध्य विद्यालय के शिक्षक व पारा शिक्षक उच्च विद्यालय में आकर कक्षा लेते हैं. जिससे पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. डूमरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक शिक्षक व पांच पारा शिक्षक है़ं इस पर कक्षा 1 से 8 तक कुल 113 बच्चे नामांकित हैं. पारा शिक्षक मो अली ने बताया कि मध्य विद्यालय के बच्चों का कक्षा छोड़कर उच्च विद्यालय जाना पड़ता है.
प्लस टू भवन में पढ़ रहे मॉडल स्कूल के बच्चे
मसलिया प्रखंड के मॉडल स्कूल के छात्र-छात्राओं को प्लस टू उच्च विद्यालय के भवन में एक साथ पढ़ाया जा रहा है. यहां 2,97,55,359 रुपये की लागत पर क्रियान्वयन एजेसी के नाम पर दलाही गांव में मॉडल स्कूल का नया भवन बनाया गया है. फिर भी विभाग की लापरवाही के कारण यह शोभा की वस्तु बनी है. उस भवन में मॉडल स्कूल के छात्रों की अब तक पढ़ाई शुरू नहीं हुई है और वे प्लस टू उच्च विद्यालय मसलिया में पढ़ने को विवश है़ छात्रों व अभिभावकों ने उपायुक्त से दलाही गांव में बने दो मंजिला नये भवन में बच्चों की पढ़ाई शुरू कराने की मांग की है. प्राचार्य डॉ कौशल कुमार ने बताया कि दलाही गांव में बने भवन का हैंडओवर दलाही मवि के प्रधानाध्यापक ही ले सकते है़ भवन के अभाव में बच्चों की पढ़ाई में बाधा हो रही है.
पिंडारी स्कूल में छह शिक्षकों के भरोसे 458 छात्र
इधर मसलिया प्रखंड अंतर्गत खुटोजोरी पंचायत के पिंडारी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में 458 छात्र-छात्राओं का भविष्य केवल 6 शिक्षकों के भरोसे है. वहीं बनाया गया दो मंजिला नया भवन भी बेकार साबित हो रहा है. वर्ष 2010-11 में ही पिंडारी मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है.
लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है और न ही बच्चों के बैठने के लिए डेस्क बेंच नहीं है. ऐसे में बच्चे दरी बिछाकर बैठते हैं. प्रधानाध्यापक सह सचिव अर्जुन कुमार पंडित के अलावा सहायक शिक्षक दिलीप कुमार राय, धीरेन्द्रनाथ मंडल,वैद्यनाथ मुरमू तथा पारा शिक्षक सलील कुमार दे व दिलीप कुमार दे है़ं
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