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बच्ची का अपहरण व हत्या करने मामले में चार को सश्रम कारावास * जमीन विवाद में डेढ़ वर्ष की बच्ची का गोतिया ने अपहरण कर की थी हत्या* मां की गोद से छीनकर ले भागा, कुआं में मिला था बच्ची का शव प्रतिनिधि, दुमका कोर्टजिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय विरेंद्र प्रताप के न्यायालय ने […]

बच्ची का अपहरण व हत्या करने मामले में चार को सश्रम कारावास * जमीन विवाद में डेढ़ वर्ष की बच्ची का गोतिया ने अपहरण कर की थी हत्या* मां की गोद से छीनकर ले भागा, कुआं में मिला था बच्ची का शव प्रतिनिधि, दुमका कोर्टजिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय विरेंद्र प्रताप के न्यायालय ने दर्स वर्ष पुराने जमीन विवाद में अबोध बच्ची का अहरण कर हत्या करने के मामले में चार लोगों को सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. न्यायालय द्वारा सेशन केस नंबर 81/07 में सुनवाई करने के पश्चात दोषी पाते हुए सरैयाहाट पिछड़ी गांव के धर्मूं महतो, ईश्वर महतो, परमेश्वर महतो और शिवनाथ महतो को सश्रम उम्र कैद और प्रत्येक को 3 हजार रूपये का अर्थ दंड दिया है. सरैयाहाट थाना क्षेत्र के पिछड़ी गांव की चमेली देवी ने हत्या करने के लिए बच्ची का अपहरण किये जाने के मामले को लेकर सरैयाहाट थाना कांड संख्या 72/05 में अपने गोतिया धर्मू महतो, ईश्वर महतो, परमेश्वर महतो और शिवनाथ महतो के विरूद्ध भादवि की दफा 364, 34 के तहत 6 जून 2005 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. क्या है पूरा मामला चमेली देवी द्वारा दर्ज किये गये प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि 5 जून 2005 को शाम के वक्त जमीन के संबंध में गोतिया धर्मू महतो से मतनवा तरी खेत में झगड़ा हुआ था और धर्मू ने देख लेने की धमकी दी थी. वहां से लौटकर रात के वक्त अपने घर आयी और 3 बजे सुबह डेढ़ वर्षीय बच्ची खुशबू कुमारी को शौच के लिए घर के बगल स्थित बाड़ी में लेकर गई थी, इसी बीच मौका पाकर चारो वहां आ गये और बच्ची को छीनकर भाग गये. इसके बाद काफी खोजबीन की गई तब बच्ची को शव कुएं से बरामद किया गया. इस घटना को अंजाम देने का कारण 20 वर्षों से गोतिया के साथ न्यायालय में चल रहे केस है. मामले को लेकर चारों आरोपी के विरूद्ध भादवि की दफा 364, 302, 201 एवं 34 के तहत आरोप गठन हुआ. न्यायालय में सुनवाई के दौरान 7 गवाहों का परीक्षण हुआ. न्यायालय ने चारों आरोपी को दोषी पाते हुए भादवि की दफा 364 में सश्रम उम्र कैद, दफा 302 में सश्रम उम्र कैद और दफा 201 में 3 वर्ष का सश्रम करावास और प्रत्येक को 3 हजार अर्थदंड दिया गया है. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी अजय साह ने पैरवी की.

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