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टॉप बॉक्स ::: सावधान : आपकी जमीन हो सकती है दूसरे के नाम ! प्रतिनिधि, मिहिजामसरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हो या फिर सरकारी इंफ्रास्टक्चर को विकसित करने की योजना को भले ही एक धूर गैर विवादित जमीन नसीब न हो रही हो लेकिन भू-माफियाओं और भू-विभाग का बस चले तो शायद आपकी जमीन भी किसी दूसरे के नाम पंजीकृत कर दें. भले ही इसे लेकर विवाद चलता रहे पर माफियाओं व विभाग को इससे कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है बस उनकी तो जेब गर्म होनी चाहिए. आखिर बाबू किस बात की इतना भी न कर सके. बिना जमीन का स्पॉट जांच किए, जमीन के निकट वर्षों से रह रहे लोगों के बिना परमिशन लिए बिना एनओसी लिए रजिस्ट्री की जा रही है. नतीजा नए विवाद का जन्म होना. नया मामला डीभीसी की विस्थापितों के लिए दी गयी जमीन का पंजीयन करने को लेकर है.केस स्टडीआमबागान निवासी मनोज दास ने उपायुक्त समेत मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, निगरानी ब्यूरो, एसडीओ, एसपी, थाना प्रभारी, एंटी क्रप्शन ब्यूरो और डीभीसी को मामले से अवगत कराते हुए अविलंब निष्पक्ष कार्रवाई करने की मांग की है. जिसके बाद मनोज पर भी शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. मनोज ने अपनी शिकायत में कहा है कि मिहिजाम मौजा के दाग नंबर 1 विस्थापितों की जमीन है जो जलाशय योजना के लिए है. जिसका कुछ भाग करीब पांच डिसमिल उर्मिला देवी पति श्यामधारी के नाम पंजीकृत कर रजिस्ट्री एक्ट का उलंघन किया गया है. बिना म्यूटेशन गैर बिक्री योग्य जमीन को केवाला बना कर ऐसा किया गया है. आरोप लगाया गया है कि करोड़ों रुपए का लेन-देन का अब तक सैकड़ों जमाबंदी, पट्टा जमीन बेच दी गयी है. जिसके गुप्त रूप से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गयी है.पहले भी आये हैं मामलेइससे पूर्व भी क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर कई बार खून-खराबा, मारपीट और विवाद मुकदमे होते रहे हैं. दर्जनों मामले न्यायालय व थाने में दर्ज है, लेकिन कतिपय कर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और न ही उन पर कोई कार्रवाई का असर ही दिख रहा.

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