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पिता के हत्यारे को उम्रकैद

सिर काट कर फेंक दिया था मयूराक्षी नदी में दुमका : जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय विरेंद्र प्रताप के न्यायालय ने सात वर्ष पुराने मामले में पिता की हत्या करने के मामले में पुत्र रूपलाल हांसदा को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302 के तहत उम्र कैद, धारा 201 में तीन वर्ष का […]

सिर काट कर फेंक दिया था मयूराक्षी नदी में
दुमका : जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय विरेंद्र प्रताप के न्यायालय ने सात वर्ष पुराने मामले में पिता की हत्या करने के मामले में पुत्र रूपलाल हांसदा को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302 के तहत उम्र कैद, धारा 201 में तीन वर्ष का कारावास और तीन हजार रूपये जुर्माना की सजा दी.
जुर्माना जमा नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. पुलिस ने अनुंसधान के क्रम में रूपलाल हांसदा को दोषी पाते हुए 26 नवंबर 2008 को आरोप पत्र समर्पित किया था. रूपलाल हांसदा 1 सितंबर 2008 को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था. न्यायालय में ट्रायल के दौरान 13 गवाहों का परीक्षण हुआ. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी अजय साह और वचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सोमा गुप्ता ने केस की पैरवी की.
नदी किनारे मिला था दुखिया का शव
घटना 13 अगस्त 2008 की है. जामा थाना क्षेत्र अंतर्गत भनका चौक की बहामुनी मुर्मू घटना के दिन अपने खेत में धान रोपने गयी थी. उसका पति दुखिया हांसदा घर पर अकेला था. धान रोपकर शाम को जब घर लौटी तो उसका पति घर पर नहीं था. पड़ोस में पूछताछ किया तो कोई नहीं चला.
पति के भगने को खबर किया. भगना और ग्रामीणों को साथ लेकर खोज बीन करने लगी. 17 अगस्त 2008 को शाम के वक्त पता चला कि मुफस्सिल थाना अंतर्गत बाघमारा गांव के समीप मयुराक्षी नदी के किनारे एक लाश पानी में तैर रहा है. वहां जाकर देखा तो लाश का केवल धड़ था और उसके शरीर को देखकर पहचान किया कि सिर कटा लाश उसके पति दुखिया हांसदा का था.
रूपलाल पर संदेह सही निकला
दुखिया हांसदा की पहली पत्नी से एक लड़का रूपलाल हांसदा था, जो अपनी सौंतेली मां और पिता से अलग घर बनाकर रहता था. उससे झगड़ा चल रहा था. यह संदेह व्यक्त करते हुए कि अपने पिता को खोजने में रूपलाल हांसदा ने कोई सहयोग नहीं किया.
सौतन के लड़के ने ही हत्या की होगी तथा शव को छुपाने के लिए सर काटकर मयूराक्षी नदी में फेंक दिया होगा. घटना को लेकर बहामुनी के फर्द बयान पर मुफस्सिल थाना कांड संख्या 128/08 भादवि की धारा 302, 201 के तहत अज्ञात के विरुद्ध 18 अगस्त 2008 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी.

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