संवाददाता, दुमकामुख्यमंत्री ने पोषण के मामले में अपनी चिंता रखते हुए कहा कि शिशु मृत्यु दर जन्म के छ: माह के भीतर राज्य का औसत 38 बच्चे प्रति लाख है, लेकिन संताल परगना में इसकी स्थिति और भी खराब है. यह आंकड़ा दुमका में 44, गोड्डा में 58, साहेबगंज में 56 तथा पाकुड़ में 54 है. जन्म से एक सप्ताह के अन्दर नवजात शिशु मृत्यु दर झारखंड का औसत 24 प्रति लाख है, तो दुमका में 32, गोड्डा में 32, साहेबगंज 34, पाकुड़ 34 है. वहीं जन्म से 5 वर्ष के अन्दर बाल मृत्यु दर का झारखण्ड का औसत 55 प्रति लाख है, जबकि दुमका 57, गोड्डा 85, साहेबगंज 83, पाकुड़ 81 है. संताल परगना में केवल देवघर का औसत राज्य औसत से कम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही यह हालात बदलेंगे. इसमें एएनएम, सेविका, सहायिका, प्रधान, पंचायत प्रतिनिधि सबकी इसमें भूमिका होनी चाहिए. शीघ्र ही पूरे राज्य मंे पोषण सखी का चयन किया जाएगा ताकि कुपोषण की समस्या से मुक्त किया जा सके.
सीएम-4// अधिक शिशु मृत्यु दर पर जतायी चिंता
संवाददाता, दुमकामुख्यमंत्री ने पोषण के मामले में अपनी चिंता रखते हुए कहा कि शिशु मृत्यु दर जन्म के छ: माह के भीतर राज्य का औसत 38 बच्चे प्रति लाख है, लेकिन संताल परगना में इसकी स्थिति और भी खराब है. यह आंकड़ा दुमका में 44, गोड्डा में 58, साहेबगंज में 56 तथा पाकुड़ में 54 […]
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