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एक शिक्षक के भरोसे दे दिया दो विद्यालय
एक स्कूल में पढ़ाई तो दूसरा रहता है बंद सरैयाहाट : बात थोड़ी आश्चर्यजनक लगेगी लेकिन हकीकत है कि एक शिक्षक के भरोसे दो स्कूल चल रहा है. एक में जब पढ़ाई होती है तो दूसरे में छुट्टी दे दी जाती है. बात सरैयाहाट प्रखंड की हो रही है. ये शिक्षक मो फारुक आलम हैं […]
एक स्कूल में पढ़ाई तो दूसरा रहता है बंद
सरैयाहाट : बात थोड़ी आश्चर्यजनक लगेगी लेकिन हकीकत है कि एक शिक्षक के भरोसे दो स्कूल चल रहा है. एक में जब पढ़ाई होती है तो दूसरे में छुट्टी दे दी जाती है. बात सरैयाहाट प्रखंड की हो रही है. ये शिक्षक मो फारुक आलम हैं जिनके भरोसे दिग्घी व ककनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय को दिया गया है. यह सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है.
ऐसा नहीं कि जिला का शिक्षा विभाग इससे अनजान है. उसे पता है कहां क्या और कितनी क्षमता है. लेकिन किस परिस्थति में इसे दरकिनार किया जा रहा है यह समझ के परे है.
एक अन्य स्कूल में भी देते हैं सेवा
मो फारुक साइंस के टीचर हैं. जो मंगलवार व गुरुवार को दिग्घी तथा शुक्रवार व शनिवार को ककनी विद्यालय में पढ़ाते हैं. बाकी बचे दो दिन राजकीय कृत उच्च विद्यालय सरैयाहाट में भी पढ़ाते हैं.
विद्यालय में सैकड़ों बच्चे
ककनी विद्यालय में 151 बच्चे हैं. वहीं दिग्घी स्कूल में 350 बच्चे है जिसमें 170 बच्चों ने मैट्रिक की परीक्षा दी है. यदि उक्त शिक्षक दिग्घी विद्यालय में पढ़ाते हैं तो ककनी विद्यालय बंद हो जाता है. अगर ककनी में पढ़ाते हैं तो दिग्घी स्कूल बंद हो जाता है. छुट्टी पर गये तो दोनों ही विद्यालय बंद रहता है. जिससे बच्चों का पठन-पाठन ठप हो जाता है.
अभिभावक विवश
सरकार इन बच्चों की पढ़ाई से खिलवाड़ कर रही है. सरकारी स्कूल का यह रवैया देख अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य को लेकर परेशान हैं. इसलिए अभिभावक मजबूरन प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाई कराने को विवश होते हैं.
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