दुमका : संताल परगना के सर्वागीण विकास के लिए ग्राम स्वशासन एवं ग्राम स्वराज को मजबूत करने की जरूरत है. अमर शहीद सिदो-कान्हू ने ग्राम स्वशासन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपना गांव-अपना राज का आह्वान किया था, उसे साकार करके ही हम गांवों में खुशहाली ला सकते हैं.
यह बातें रविवार को ग्राम प्रधान मांझी संगठन द्वारा आयोजित सम्मेलन में अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल ने कही. उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज एवं ग्राम स्वशासन की अवधारणा प्रधानी व्यवस्था में आज भी विद्यमान है, लेकिन सरकार की ढुलमुल नीति इसे विखंडित कर रही है. झारखंड पंचायती राज अधिनियम में ग्रामसभा को अस्तित्व विहीन कर सामाजिक समरसता में बिखराव लाया जा रहा है.
सम्मेलन को संरक्षक मोहरील मुमरू, भीम सोरेन, छविनाथ मंडल आदि ने भी संबोधित किया. मौके जामताड़ा के शिवलाल मुमरू,देवघर के प्रेम प्रसाद साह, सुबल चंद्र दास व श्रीकांत मंडल, गोड्डा के प्रेमचंद्र ठाकुर, मोतीलाल महतो,बाबूलाल मरांडी व अनपा किस्कू, साहेबगंज के हजारी प्रसाद राय, जॉन मुमरू, रामजीवन सिंह, रुसोराम बास्की आदि मौजूद थे.