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अभी करनी है पढ़ाई, मेरी मत कराओ शादी

नौवीं की छात्रा परिजनों की धमकी से परेशान पहुंची थाने, लगायी गुहार जामा(दुमका) : झारखंड के दुमका जिले के जामा थाना क्षेत्र के सिमरा पंचायत के डुमरीकदेली गांव की नवम वर्ग की छात्रा चांदनी ने बाल विवाह का विरोध किया है. उसके परिजनों ने जबरन शादी तय कर दी, तो छात्रा भागकर थाने पहुंच गयी […]

नौवीं की छात्रा परिजनों की धमकी से परेशान पहुंची थाने, लगायी गुहार

जामा(दुमका) : झारखंड के दुमका जिले के जामा थाना क्षेत्र के सिमरा पंचायत के डुमरीकदेली गांव की नवम वर्ग की छात्रा चांदनी ने बाल विवाह का विरोध किया है. उसके परिजनों ने जबरन शादी तय कर दी, तो छात्रा भागकर थाने पहुंच गयी और पूरे मामले से अवगत कराते हुए यह गुहार लगायी कि उसे अभी शादी नहीं करनी है, बल्कि आगे पढ़ना है.
अपना जीवन संवारना है. छात्रा 16 वर्ष की है और दुमका के संत टेरेसा बालिका विद्यालय दुधानी में पढ़ती है. छात्रा ने बताया कि उसकी मां नहीं है. उसके पिता अनिल राउत व दादा कटकी राउत ने जामा थाना क्षेत्र के ही कैराबनी गांव में ही उसकी शादी तय भी कर दी है. 26 अप्रैल को उसकी शादी तय की गयी है. छात्रा ने थाने को बताया कि उसके बार-बार माना करने के बावजूद भी पिता और दादा जबरन शादी कराने के लिए अड़े हुए हैं. ऐसे में उनके खिलाफ जाकर उसे घर से भाग कर थाना आना पड़ा.
13 से हैं परीक्षा, पास कर दसवीं में जाउंगी : थाने के एसआइ इलियास कन्डुलना ने जामा बीडीओ सह प्रखंड बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ शिशिर कुमार सिंह के समक्ष छात्रा को पेश किया और उचित कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश मांगा. बीडीओ ने सीडीपीओ पूनम वर्मा को बुलवाकर छात्रा से सारी जानकारी लेने को कहा. छात्रा ने अपने बयान में सीडीपीओ व बीडीओ को स्पष्ट रुप से बताया कि दुधानी के संत टेरेसा स्कूल में पढ़ रही है और नवमी की उसे परीक्षा देनी है. अभी अपनी पढ़ाई पूरी करने तक वह शादी नहीं करना चाहती है. लेकिन पिता, दादा और दादी जबरन शादी करा देना चाहते है. उसकी मां का निधन हो चुका है.
…और पिता ने अपहरण का मामला दर्ज कराने की दी धमकी : मामले में बीडीओ ने त्वरित संज्ञान लेते हुए छात्रा के पिता से बात करने का प्रयास किया, लेकिन छात्रा के पिता अनिल राउत ने बात करने से इनकार कर दिया. उलटे सभी पर नाबालिग बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराने की बात कहने लगे. बीडीओ ने छात्रा की मौखिक एवं लिखित बयान के मद्देनजर रखते हुए छात्रा की पढ़ाई का क्रम जारी रखने के लिए उसे कस्तूरबा गांधी आवासीय उच्च विद्यालय जामा को तत्काल आवासन हेतु कैराबनी की आंगनबाड़ी सेविका रिंकु देवी के साथ भेजने का निर्णय लिया.
अभी करनी है पढ़ाई…
वैकल्पिक व्यवस्था होने तक बीडीओ ने कस्तूरबा वार्डेन को लिखित रूप से निर्देश दिया कि छात्रा विद्यालय में रहकर पठन पाठन करेगी. मौके पर 20 सूत्री उपाध्यक्ष धनंजय यादव,भाजपा प्रखंड अध्यक्ष रामचन्द्र खिरहर,शिक्षा विभाग के बीपीओ आनंद शंकर मुर्मू, विनोद दास आदि मौजूद थे.
अधिवक्ता मनोज कुमार साह के मुताबिक इस बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत विभिन्न धाराओं के तहत कठोर सजा का प्रावधान है-
सेक्शन-9: यदि कोई बालिग युवक नाबालिग लडकी से विवाह करता है, तो पकड़े जाने पर युवक को दो साल का कठोर कारावास व एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनो हो सकता है.
सेक्शन-10: इसके तहत बाल विवाह करवाने में सहयोग देनेवाले प्रत्येक नागरिक को दो साल का कठोर कारावास या एक लाख का जुर्माना हो सकता है या दोनों सजाएं हो सकती है.
सेक्शन-11: बाल विवाह को प्रोत्साहित करने और स्वीकृति देने वालों को दो साल क कठोर करावास या एक लाख का जुर्माना या दोनों हो सकता है.
16 अप्रैल को तय है शादी, मना करने पर परिजनों ने बनाया दबाव, मारपीट भी की
मामले में छात्रा का बयान लिया गया है. उसके परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी है. 26 अप्रैल को शादी का डेट भी तय कर दिया गया है. पिता को बुलाने की कोशिश की गयी थी. मामले में छात्रा के तत्काल कस्तूरबा विद्यालय में आवासन की व्यवस्था की गयी है. जिला बाल संरक्षण अधिकार को सूचना दे दी गयी है.
डॉ शिशिर कुमार सिंह, बीडीओ
क्या कहता है कानून ?
किसी 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी अगर उसके परिजन कराते हैं तो यह बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत अपराध है. इसके तहत उनके परिजनों को तथा यह जानकर की लड़की नाबालिग है, बावजूद वे शादी कर रहे हैं, लड़के व उसके परिजन को भी सजा हो सकती है. जेल जाना पड़ सकता है.

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