उदासीनता. लठियाजोरिया में आठ वर्ष पूर्व बने थे पांच चेकडैम, कार्यपालक अभियंता को जानकारी नहीं
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एक करोड़ खर्च के बाद खेतों को पानी नहीं
उदासीनता. लठियाजोरिया में आठ वर्ष पूर्व बने थे पांच चेकडैम, कार्यपालक अभियंता को जानकारी नहीं बासुकिनाथ : झारखंड सरकार किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिले व वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए सरकार की कई योजनाएं संचालित है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण किसानों को योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा […]
बासुकिनाथ : झारखंड सरकार किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिले व वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए सरकार की कई योजनाएं संचालित है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण किसानों को योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत लठियाजोरिया में तकरीबन एक करोड़ की लागत से बना पांच चेकडैम बेकार पड़ा हुआ है, इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. चेकडैम में पानी नहीं रहता है. पटवन के लिए इस योजना के तहत बना पंप हाउस जीर्णशीर्ण हो गया है.
आठ वर्ष बाद पंप हाउस में नहीं लगी मशीन : पंप हाउस में चेकडैम निर्माण के आठ वर्षों बाद भी अब तक पंप मशीन नहीं लगायी गयी है. इस कारण सरकार की महत्वपूर्ण सिंचाई योजना बेकार पड़ी है. यहां लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम शोभा की वस्तु बनी हुई है. ग्रामीण सुदर्शन राय, मनोज राय, पवन मांझी, रंजु देवी आदि ने बताया कि इस डैम के बनने के बाद बेहतर सिंचाई व्यवस्था के लिए खेतों में पाइप लाइन बिछायी गयी. पर एक भी दिन इस योजना से खेतों को पानी नहीं मिला. इस संबंध में अधिकारियों से भी शिकायत की गयी. पर अधिकारियों की उदासीनता के कारण कोई लाभ नहीं हुआ.
अब तक नहीं लग पाया फाटक
सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाये गये चेकडैम योजना का निर्माण लघु सिंचाई विभाग द्वारा कराया गया था. विभाग की लापरवाही का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि डैम के बनने के कई वर्षों बाद भी इसमें बरसात के पानी को रोकने के लिए तक नहीं लगाया गया है. अब तक नहीं लगाया गया. इस कारण यहां जल संग्रहण नहीं हो पाता है और न ही किसानों को पटवन का लाभ मिल पाता है. जिससे किसान रबी फसल जैसे गेंहु चना आदि की खेती नहीं कर पाते हैं.
चेकडैम में पानी रहता ही नहीं है, तो खेती में पटवन कैसे होगा. इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है.
गुली राय, वार्ड पार्षद
खेत में लगायी साग सब्जी व फसल का पटवन पंपसेट से करते हैं. चेकडैम से किसानों को लाभ नहीं मिलता है.
रंभा देवी, किसान
मिट्टी का मेढ़ बना कर बरसात का जल संग्रहण करते हैं जिससे फसल में सिंचाई करते हैं चेक डैम बेकार पड़ा है
सोहन लाल हांसदा, किसान
सरकार की इस योजना से किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ है, एैसी योजना सिर्फ लूटने के लिए ही बनाया जाता है
प्रमेय मरांडी, किसान
हर हाल में सिंचाई की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. इस संबंध में कुछ जानकारी नहीं है, चेकडैम का निरीक्षण कर जानकारी लेने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी
मिथिलेश कुमार, कार्यपालक अभियंता
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