दुमका : बाल कल्याण समिति बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष 17 वर्षीय बालिका को प्रेमाश्रय रांची द्वारा प्रस्तुत किया गया. चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार ने बताया कि रामगढ़ थाना क्षेत्र की एक बालिका करीब नौ माह पूर्व बहकावे में आकर दिल्ली जाने के लिए कुछ लोगों के साथ घर से भागी थी. जिसके बाद एक महिला ने फरक्का ले जाकर ढ़ेमना नाम के व्यक्ति को उनलोगाें को सौंप दी. ढ़ेमना ने सभी को ट्रेन से दिल्ली ले जाकर किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के भवन निर्माण कार्य में लगा दिया.
वहां 4 माह बाद 1000 रुपये देकर प्रत्येक ही छोड़ दिया गया. दिल्ली से वापस आने के क्रम में ट्रेन में लड़की की मुलाकात गुमला के शिवा लोहरा से हुई. शिवा ने सभी को रांची के एक होटल में ठहराया और सुबह में सभी को घर भेज दिया और इस बालिका को धोखे से एक कमरे में बंद कर दिया और बाद में इसे अपने साथ गुमला अपने घर ले गया और बोला कल घर पहुंचा देंगे. शिवा की पत्नी विरोध किया तो उसे वह अपने ससुराल ले गया. वहां के महिला मंडल से लड़की ने अपनी आपबीती सुनाई तो इनलोगों ने पंचायत बुला कर पुलिस को सूचना दी
और उसे सुपुर्द कर दिया था. गुमला थाना में शिवा लोहरा पर मामला दर्ज होने के बाद वह अभी जेल में है. बालिका को सीडब्ल्यूसी रांची के माध्यम से प्रेमाश्रय, नारी निकेतन के बसंती बेसरा ने दुमका सीडब्ल्यूसी को समक्ष प्रस्तुत किया. सीडब्ल्यूसी ने लड़की के परिजन को बुलाकर आवश्यक कार्रवाई पूरा करते हुए उसे सुपुर्द कर दिया. समिति ने निर्णय लिया कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग में संलिप्त महिला की पड़ताल कराकर उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सुनवाई में सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार, सदस्य धर्मेंद्र नारायण प्रसाद व रमेश प्रसाद साह मौजूद थे. इस कार्य में जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रकाश चंद्र ने भी सहयोग किया.