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Dhanbad News : कोयला के प्राइस व डिस्पैच में कमी से खनन विभाग के राजस्व में कमी

वित्त वर्ष 2024-25. खनन विभाग ने लक्ष्य का 72 प्रतिशत वसूला राजस्व, 1945 करोड़ रुपये की हुई राजस्व वसूली

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कोयला के प्राइस व डिस्पैच में कमी का असर खनन विभाग पर भी पड़ा है. धनबाद खनन विभाग को सबसे अधिक राजस्व कोयला क्षेत्र से आता है. कोयला के डिस्पैच पर ही सरकार के खाते में राजस्व की प्राप्त होती है. ऐसे में बीसीसीएल में कोयला डिस्पैच में कमी का असर खनन विभाग पर भी पड़ा. इस कारण विभाग न सिर्फ अपने वार्षिक लक्ष्य से पिछड़ गया है, बल्कि पिछले साल की तुलना में करीब 10.76 करोड़ रुपये कम राजस्व प्राप्त हुआ है. धनबाद जिला खनन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1945.18 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली की है, जो 2676.08 करोड़ रुपये के वार्षिक लक्ष्य का करीब 72 प्रतिशत है. गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग ने करीब 1955.94 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली की थी, जो वार्षिक लक्ष्य का करीब 82.76 फीसदी था. यानी वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में विभाग ने 10.76 करोड़ रुपये कम की वसूली की है. जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) रितेश राज तिग्गा ने बताया कि बीसीसीएल के कोयले के प्राइस व डिस्पैच में आयी कमी से राजस्व वसूली में कमी हुई है. वित्त वर्ष 2023-24 में बीसीसीएल ने करीब 38 मिलियन टन कोयले का डिस्पैच किया था. वहीं इस वित्तीय वर्ष में करीब 36 मिलियन टन कोयला डिस्पैच हुआ है. विभाग को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्ति बीसीसीएल से होता है. ऐसे में बीसीसीएल में कोयला डिस्पैच कमी के कारण कंपनी से विभाग को करीब 263.65 करोड़ रुपये कम राजस्व मिला है.

बीसीसीएल से सर्वाधिक 1531.74 करोड़ की वसूली

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी खनन विभाग ने सर्वाधिक 1531.74 के राजस्व की वसूली बीसीसीएल से की है, जबकि गत वित्त वर्ष 2023-24 में बीसीसीएल से 1795.39 करोड़ रुपये की वसूली की गयी थी. इसके अलावा खनन विभाग ने इसीएल से 66.27 करोड़, टाटा स्टील से 40.47 करोड़ व स्टील ऑथिरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) से 22.26 करोड़ रुपये की वसूली की है. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में क्रमश: इसीएल से 66.21 करोड़, टाटा स्टील से 32.12 करोड़ व सेल 18.70 करोड़ रुपये की वसूली की थी.

लघु खनिज से मिले 14.32 करोड़ रुपये

खनन विभाग को लघु खनिज यानी पत्थर, बालू व ईंट से करीब 14.32 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. इसमें पत्थर से 22.20 करोड़ व ईंट से 18.55 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. इसके अलावा बकाया नीलाम पत्र वादों से 22.20 करोड़, जुर्माना से 18.55 करोड़ व आवेदन शुल्क से करीब 0.47 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. वहीं जेएमबीसी शेष से 224.57 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई है.

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