बैंक अधिकारी श्री रविदास के मुताबिक कलेश्वर महतो व राम प्रसाद ने वर्ष 2005 में 84.5 डिसमिल जमीन मॉरगेज रखकर आठ लाख रुपया बैंक से लोन लिया. 2007 तक लोन की नियमित किश्त बैंक में जमा होती रही. 2007 के बाद उनका खाता एनपीए हो गया. लगातार नोटिस दिया गया, लेकिन ऋणी ने कोई पहल नहीं की. लोन व सूद मिला कर ऋणी पर बैंक का 19 लाख 66 हजार रुपया बकाया हो गया.
31-12-2016 को ऋणी के विरुद्ध डिमांड नोटिस भेजा गया. 9-5-2017 को नोटिस देकर आखिरी चेतावनी दी गयी कि पैसा जमा कर दें, नहीं तो जमीन का कब्जा ले लिया जायेगा. नोटिस के बावजूद ऋणी ने लोन चूकता नहीं किया. लिहाजा सरफेसी एक्ट के तहत शुक्रवार को जमीन का फिजिकल पॉजिशन लिया गया. जमीन की नीलामी कर बैंक अपना पैसा वसूल करेगा.