धनबाद: बीसीसीएल के सतर्कता विभाग ने कुसुंडा एरिया की धनसार कोलियरी में इंक्रीमेंट घोटाला पकड़ा है. यहां के एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को छह-छह महीने पर इंक्रीमेंट दे दिया गया है. जबकि साल में एक बार ही इंक्रीमेंट देने का प्रावधान है. माना जा रहा है कि यह खेल बड़े पैमाने पर विभिन्न कोलियरियों में खेला गया है और इससे कंपनी को लाखों रुपये की चपत लग रही है.
क्या है मामला : बताते हैं कि बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन स्थित इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग (इडीपी) विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व कोलियरी के दलालों की सांठगांठ से यह घोटाला किया गया है.
यह सिलसिला विभिन्न कोलियरियों में पिछले कई वर्षों से बदस्तूर जारी है. बीसीसीएल के सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने प्रारंभिक छानबीन में पाया कि धनसार के 14 कर्मचारियों को छह-छह महीने पर इंक्रीमेंट का लाभ दिया है. इडीपी व कोलियरी के कई अधिकारी व कर्मचारी विजिलेंस जांच के घेरे में हैं.
फर्जी हस्ताक्षर कर भेजा प्रपोजल
धनसार कोलियरी के जिन कर्मचारियों को अत्यधिक इंक्रीमेंट का लाभ दिया गया है, उन कर्मियों के इंक्रिमेंट का प्रपोजल वरीय प्रबंधन (कार्मिक) देवाशीष बाग का फर्जी हस्ताक्षर कर भेजा गया था. जैसे ही मामले की जानकारी वरीय प्रबंधक श्री बाग को मिली तो उन्होंने मामले की शिकायत उच्च प्रबंधन से की. इसके बाद बीसीसीएल विजिलेंस विभाग ने जांच शुरू की, तो मामले का उद्भेदन हुआ.
200 से अधिक मामले
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इंक्रीमेंट घोटाले के मामले कमोवेश बीसीसीएल की प्राय: सभी एरिया व कोलियरी में हैं. सही तरह से जांच हो तो पूरे बीसीसीएल में 200 से अधिक मामले प्रकाश में आयेंगे. कितने ही अधिकारी व कर्मचारियों की गरदन फंस सकती है.
पैसे खिला लिया इंक्रीमेंट का लाभ
विजिलेंस सूत्रों की मानें तो जिन-जिन कर्मियों ने अधिक इंक्रीमेंट का लाभ लिया है, उनमें कई कर्मचारियों ने जांच के दौरान विजिलेंस को बताया कि पैसे खिला कर उन्हें यह लाभ मिला है. कर्मियों ने किस-किस को कितने पैसे दिये इसका भी खुलासा किया है.
मामले की जांच चल रही है, जिसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. एक एरिया के मामले में जवाब भी दिया जा चुका है.
एनके मल्लिक, महाप्रबंधक सिस्टम (बीसीसीएल)\