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उचित मुआवजा नहीं मिला तो फांसी लगा होटल संचालक ने दे दी जान
मैथन संजय चौक के समीप होटल चलाने वाले शिशिर कुमार घोष (50) ने गुरुवार की देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसने अपने आवास सह होटल के पीछे कुआं की रेलिंग में रस्सी से फांसी लगा ली. मैथन : होटल संचालकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि एनएच टू की सिक्सलेनिंग में जमीन के […]
मैथन संजय चौक के समीप होटल चलाने वाले शिशिर कुमार घोष (50) ने गुरुवार की देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसने अपने आवास सह होटल के पीछे कुआं की रेलिंग में रस्सी से फांसी लगा ली.
मैथन : होटल संचालकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि एनएच टू की सिक्सलेनिंग में जमीन के बदले उचित मुआवजा नहीं मिलने के कारण उन्होंने आत्महत्या की. शुक्रवार की सुबह पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. होटल कर्मियों ने जब सुबह संजय को नहीं देखा तो उसकी खोज शुरू की. देखा कि वह होटल के पीछे कुआं में रस्सी से लटक रहा है.
तत्काल इसकी सूचना रंगडीह सरबड़ी व शासनबड़िया स्थित उसके ससुराल वालों को दी गयी. मृतक की पत्नी बच्चों के साथ रंगडीह में रहती है. घटना की सूचना पाकर झामुमो के अशोक मंडल पहुंचे और शोकसंतप्त परिवार को ढाढ़स बंधाया. उन्होंने कहा कि एनएचएआइ व जिला प्रशासन ने परिवार के साथ अन्याय किया है. इसको लेकर वरीय अधिकारियों से वार्ता की जायेगी.
रहते थे तनाव में : मृतक का साला विद्युत गोप ने बताया कि उचित मुआवजा नहीं मिलने से वह कई माह से तनाव में रहते थे. होटल व मकान के एवज में प्राप्त नौ लाख 82 हजार से वह संतुष्ट नहीं थे. उनका कहना था कि मुआवजा राशि से काफी अधिक खर्च कर उन्होंने होटल व घर बनाया. वह 35 वर्षों से यहां घोष होटल चला रहे थे. कई बार प्रबंधन व प्रशासन को लिखित देने के बावजूद भी कोई समाधान नहीं होने पर उन्होंने यह कदम उठाया.
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