झरिया: डीएसपी रामाशंकर सिंह ने लोगों को समझा-बुझा कर तीन बार शव उठाने का प्रयास किया. लेकिन लोग यह कहते हुए पथराव कर देते कि जब तक ट्रक संचालक घटनास्थल पर आकर मुआवजा की घोषणा नहीं करता है, वे लोग शव को उठने नहीं देंगे. देर रात 10.30 बजे सड़क पर जमी उग्र भीड़ को खदेड़ने के लिए डीएसपी के निर्देश पर पुलिस ने सख्ती दिखायी, तो भगदड़ मच गयी.
पुलिस आंदोलनकारियों को दौड़ाने लगी. हालांकि पुलिस की सख्ती का प्रभाव पीड़ित परिवार की महिलाओं पर नहीं पड़ा. वे एकबार फिर शव के पास आकर बैठ गयीं. इससे पुलिस को पीछे हटना पड़ा. समाचार प्रेषण तक वहां के हालात तनावपूर्ण थे.
चार भाइयों में छोटा था : योगेश्वर चार भाइयों में छोटा व अविवाहित था. वह आरएसपी कॉलेज में बीए पार्ट-1 का छात्र था. मौत की सूचना मिलते ही उसके घर में कोहराम मच गया. मां बचिया देवी, भाई संतोष रजक, राजेश रजक, दुर्गेश रजक दहाड़ मार कर रो रहे थे. क्रंदन से मुहल्ला वाले भी गमगीन थे.