इसी तरह एमसीएल के पूर्व सीएमडी वीके सिंह के खिलाफ भी सीबीआइ की चार्जशीट दाखिल होने के बाद मंत्रालय ने उन्हें डिसमिस कर दिया था. इसीएल के पूर्व सीएमडी एसके चौधरी भी सीबीआइ मामले में नौकरी से बरखास्त हो चुके हैं. 1990 के दशक में सीसीएल के पूर्व निदेशक कार्मिक एसएस राय विजिलेंस रिपोर्ट के बाद सेवा विस्तार से वंचित हो गये थे. एमसीएल के पूर्व निदेशक तकनीकी एनदास भी चार्जशीट होने के बाद प्रमोशन से वंचित हो गये थे. डीटी से वे सीजीएम बना दिये गये थे. बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी ने तीसरी बार सेवा विस्तार नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया था. सीसीएल के सीएमडी बालास्वामी अकला के आवास पर सीबीआइ का रेड होने के बाद वे कोल इंडिया के चेयरमैन पद की दौड़ से बाहर हो गये थे. इसके अलावे अनुषंगी इकाइयों में सीजीएम व जीएमस्तर के कई अधिकारियों के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई हुई.
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एक और बड़े अधिकारी को बरखास्त करने की तैयारी!
धनबाद. कोयला मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक कोल इंडिया के एक बड़े अधिकारी का विकेट बहुत जल्द गिरने की संभावना है. उनके खिलाफ मिली शिकायत की जांच पूरी हो चुकी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस ने चार्ज फ्रेम कर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है. इधर उक्त अधिकारी होनेवाले एक्शन से […]
धनबाद. कोयला मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक कोल इंडिया के एक बड़े अधिकारी का विकेट बहुत जल्द गिरने की संभावना है. उनके खिलाफ मिली शिकायत की जांच पूरी हो चुकी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस ने चार्ज फ्रेम कर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है. इधर उक्त अधिकारी होनेवाले एक्शन से बचने के प्रयास में गंभीरता से लगे हैं. सूत्र कहना है कि बरखास्तगी से बचने के लिए उक्त अधिकारी अपने पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं. सूत्र ने बताया कि बरखास्त डीपी आर मोहनदास पर बहाली में पैसा लेने का आरोप विजिलेंस के जांच में सही पाया गया.
पहले भी कोल इंडिया अधिकारियों पर गिर चुकी है गाज : कोल इंडिया में ऐसे कई अधिकारी हैं जिन पर पहले भी सीबीआइ से लेकर विजिलेंस की गाज गिर चुकी है. इसके बाद या तो ऐसे अधिकारी बरखास्त हो गये हैं या फिर वे प्रोन्नति या सेवा विस्तार से वंचित हो चुके हैं. कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एसइसीएल के पूर्व सीएमडी श्री चतुर्वेदी को कुछ वर्ष पहले सीबीआइ ने छापेमारी अभियान के क्रम में 28 करोड़ रुपये घूस लेते पकड़ा था. इसके बाद उन्हें बरखास्त कर दिया गया था.
मुख्य प्रबंधक एक्सकैवेशन का कोल इंडिया तबादला : बीसीसीएल के मुख्य प्रबंधक (एक्सकैवेशन) केके दास का तबादला कोल इंडिया मुख्यालय कर दिया गया है. इस आलोक में बीसीसीएल अधिकारी स्थापना विभाग के विभागाध्यक्ष यूपी नारायण के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है. श्री दास वर्तमान में बीसीसीएल के सीवी एरिया में पदस्थ थे और उनका तबादला आग्रह पर किया गया है.
अगले माह होने वाले थे रिटायर
आर मोहन दास ने एक जून 2007 को कोल इंडिया के डीपी के पद पर ज्वाइन किया था. वह जेबीसीसीआइ आठ, नौ एवं दस के सदस्य सचिव थे. 10वें जेबीसीसीआइ की पेंशन सब-कमेटी और वेज सब-कमेटी के चेयरमैन थे. वह मई 2017 में रियाटर करने वाले थे.
प्रभारी डीपी थे निदेशक मार्केटिंग
एसएन प्रसाद ने साल 1982 में कोल इंडिया में मैनेजमेंट ट्रेनी (मार्केटिंग) के रूप में ज्वाइन किया था. वह सीसीएल, डब्ल्यूसीएल और एसइसीएल में विभिन्न पदों पर रहे. एक फरवरी 2016 को उन्होंने डायरेक्टर मार्केंटिंग का पद संभाला था.
यूनियन नेताओं ने कहा
डॉ बीके राय, बीएमएस : सरकार का निर्णय है. काम नहीं करेंगे तो सरकार हटायेगी ही. क्या मामला है पता नहीं. पर कई आरोप थे. मोदी सरकार काम नहीं करने वाले को बरदास्त नहीं करेगी. यह सर्वविदित है. वेतन समझौता में खास असर नहीं पड़ेगा.
डीडी रामानंदन, सीटू : टर्मिनेशन के निर्णय पर कुछ नहीं कहना है. क्या मामला है पता नहीं. लेकिन इस निर्णय का वेतन समझौता पर असर पड़ेगा. समझौता जल्द हो, इस बारे में नये डीपी से जल्द बातचीत करेंगे.
लखनलाल महतो, एटक : दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है. वेतन समझौता बाधित होगा. समझौता संपन्न होने में देर होगा. इनके रहते कई निर्णय हुए थे. अब नये सिरे से बातचीत होगी.
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