इसमें मंडल स्तर से 50 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की व्यवस्था करायी जायेगी. जबकि इसकी अनुमति देने के बाद रेल मंडल को इसकी जानकारी रेलवे बोर्ड को देनी होगी. यह सिर्फ छह माह के लिए होगा. यदि इलाज में लंबा समय लगता है तो मंडल को दोबारा अनुमति देनी पड़ेगी ताकि कर्मचारी आगे भी इलाज करा सके.
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लखनऊ में 50 लाख तक कैशलेस इलाज करा पायेंगे रेलकर्मी
धनबाद. गंभीर रोग से पीड़ित रेल कर्मचारी उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित एसपीजीआइ अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकेंगे. इसके लिए बोर्ड द्वारा सभी रेल मंडल को पत्र जारी किया गया है. इसमें मंडल स्तर से 50 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की व्यवस्था करायी जायेगी. जबकि इसकी अनुमति देने के बाद रेल मंडल को […]
धनबाद. गंभीर रोग से पीड़ित रेल कर्मचारी उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित एसपीजीआइ अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकेंगे. इसके लिए बोर्ड द्वारा सभी रेल मंडल को पत्र जारी किया गया है.
रियायती टिकट के नियम में फेरबदल : आरक्षण टिकट पर सफर करने वाले यात्रियों को थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने नया आदेश जारी किया है. यदि कोई यात्री पहले से अपना आरक्षण टिकट ले रखा है और वह किसी कारणवश सफर नहीं करना चाहते तो वह अपने किसी रिश्तेदार को टिकट दे सकेंगे. इसके लिए उस टिकट पर सफर करने से पहले उन्हें रेलवे के किसी अधिकारी को आवेदन देना होगा उसके बाद टिकट हस्तांतरित हो सकेगा. वहीं दूसरी ओर रियायत टिकट किसी भी स्थिति में दूसरे यात्री को हस्तांतरित नहीं होगा.
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