धनबाद. कोल इंडिया के 156 अधिकारियों को डिमोट किया जायेगा, जबकि 156 वरीय अधिकारियों को पदोन्नति दी जायेगी. इस आलोक में गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुना दिया है. पूर्व में पदोन्नत हुए 156 जूनियर अधिकारियों को ई-7 ग्रेड से डिमोट कर वापस ई-6 ग्रेड में पदस्थ कर दिया है. साथ ही वरीयता क्रम के 156 अधिकारियों को पदोन्नत कर ई-7 ग्रेड दिया गया है. इसके खिलाफ डिमोट हुए जूनियर अधिकारियों ने हाइ कोर्ट के डबल बेंच में अपील की थी.
कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन इसीएल शाखा के उपाध्यक्ष संजय राणा ने बताया कि वर्ष 2013 में मेरिट कम सीनियरिटी की नई प्रमोशन नीति को कोलकाता हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. याचिका की सुनवाई के बाद प्रमोशन आदेश को निरस्त कर दिया गया था. कोल इंडिया की पुनर्याचिका पर हाइकोर्ट ने आदेश बरकरार रखा. अंततः प्रबंधन को कोर्ट के आदेश का अनुपालन करना पड़ा.
क्या है मामला : कोल इंडिया में पहले जो पदोन्नाति नीति लागू थी, उसके अनुसार सीनियरिटी कम मेरिट के आधार पर प्रमोशन दिया जाता था. यानी जो अधिकारी पहले से सीनियर होते थे, उन्हें मेरिट में रहने पर पदोन्नति मिल जाती थी. इससे कोयला खदान में पहले से कार्य कर रहे अधिकारी वरीयता क्रम में रहते थे. कोल इंडिया प्रबंधन ने वर्ष 2011 में इस नीति में बदलाव कर मेरिट कम सीनियरिटी के तहत पदोन्नति का आदेश निकाला, परंतु 2012 में कोल इंडिया प्रबंधन ने पुरानी नीति (सीनियरिटी कम मेरिट) के आधार पर पदोन्नति दे दी. वहीं बाद में वर्ष 2013 में अधिकारियों को नयी प्रमोशन नीति के तहत पदोन्नति देना शुरू कर दिया. इससे सीनियर अधिकारी जूनियर हो गये.
कोल इंडिया प्रबंधन ने वर्ष 2013 में 156 अधिकारियों को मेरिट कम सीनियरिटी के आधार पर इ-6 से इ-7 में पदोन्नति दी थी, जबकि 156 वरीय अधिकारी पदोन्नति से वंचित हो गये थे. वंचित अधिकारियों ने कोलकाता हाइ कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी. वर्ष 2015 में कोर्ट के सिंगल बेंच का फैसला आया कि सीनियर को पदोन्नति दी जाये व जूनियर को डिमोट किया जाये. इसके विरोध में कोल इंडिया प्रबंधन ने 2015 में ही हाइ कोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर की थी.
केस कमजोर होता देख प्रबंधन ने वर्ष 2016 में सिंगल बेंच के आदेश को लागू करते हुए जूनियर को डिमोट व सीनियर अधिकारियों को प्रमोट कर दिया था. इसके विरोध में जूनियर अधिकारी जो डिमोट हुए थे उन्होंने हाइ कोर्ट के डबल बेंच में अपील की थी. कोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले को सही मानते हुए सीनियरिटी कम मेरिट को ही आधार पर वर्ष 2010 बैच के अधिकारियों को इ-6 से इ-7 में पदोन्नति देने का आदेश दिया है.