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आॅस्ट्रेलियन हाइ कमिश्नर ने लिया आइएसएम का जायजा

धनबाद. इंडो आस्ट्रेलिया ज्वाइंट रिसर्च इनीसिएटिव के तहत क्लीन कोल एंड एनर्जी टेक्नोलॉजी पर आस्ट्रेलिया हाई कमिश्नर की दो सदस्यीय टीम गुरुवार को आइआइटी(आइएसएम) धनबाद का जायजा लिया. टीम में हैलेरी एमसी गिची फर्स्ट सेक्रेटरी (ट्रेड एंड इकोनॉमिक्स) व टीम मार्टिन आस्ट्रेलनन, ट्रेड इनवेस्टमेंट कमीशनर (ऑस्ट्रेड) शामिल हैं. टीम ने सबसे पहले संस्थान के प्रशासनिक […]

धनबाद. इंडो आस्ट्रेलिया ज्वाइंट रिसर्च इनीसिएटिव के तहत क्लीन कोल एंड एनर्जी टेक्नोलॉजी पर आस्ट्रेलिया हाई कमिश्नर की दो सदस्यीय टीम गुरुवार को आइआइटी(आइएसएम) धनबाद का जायजा लिया. टीम में हैलेरी एमसी गिची फर्स्ट सेक्रेटरी (ट्रेड एंड इकोनॉमिक्स) व टीम मार्टिन आस्ट्रेलनन, ट्रेड इनवेस्टमेंट कमीशनर (ऑस्ट्रेड) शामिल हैं. टीम ने सबसे पहले संस्थान के प्रशासनिक भवन में निदेशक प्रो. डीसी पाणिग्रही सहित माइनिंग इंजीनियरिंग व फ्यूल एंड मिनरल इंजीनियरिंग के विभाग के डीन विभागाध्यक्ष व सीनियर फैकल्टी के साथ बैठक कर संस्थान के बारे में जानकारी ली. टीम को संबंधित क्षेत्र में अब तक की प्रगति की जानकारी दी गयी. साथ ही मामले में भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा हुई. बैठक में डीन (आइआर एंड एए) वीएमएसआर मूर्थी, प्रो. आरएम भट्टाचार्य, आइएम मिश्रा, प्रो. एके वर्मा, प्रो. धीरज कुमार, प्रो. एन सुरेश आदि शामिल थे.
संस्थान ने जाना ऑस्ट्रेलिया की प्रगति : कोयला उत्पादन के क्षेत्र में महारथ हासिल आस्ट्रेलिया क्लीन कोल एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी के मामले में अब तक की प्रगति के बारे में टीम के दोनों सदस्यों ने विस्तार से जानकारी दी. अपने देश की खामी व विशेषता व जरूरतों पर भी चर्चा की. बताया कि इस मामले जल्द ही आस्ट्रेलिया का एक को-ऑर्डिनेटर की नियुक्ति की जायेगी, ताकि दोनों देशों के बीच संबंधित मामले को-ऑर्डिनेशन बनी रहे.
दो विभागों का लिया जायजा : टीम ने माइनिंग इंजीनियरिंग व फ्यूल एंड मिनरल इंजीनियरिंग विभाग सहित उसके लैब वर्कशॉप का जायजा लिया. विभाग के सीनियर फैकल्टी से उपकरणों के बारे में जानकारी ली.
नयी टेक्नोलॉजी समय की डिमांड
संस्थान का जायजा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में टीम के सदस्यों ने माइनिंग इंजीनियरिंग व फ्यूल एंड मिनरल इंजीनियरिंग संस्थान की मौजूदा व्यवस्था पर संतोष जताया. उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण कोयला उत्पादन के लिए क्लीन कोल एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी समय की डिमांड है. आस्ट्रेलिया को इस मामले में भारत विशेष रूप से आइएसएम जैसे पुराना व अनुभवी संस्थान के साथ मिल कर काम करने से दोनों ही देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ तो होंगी ही, साथ ही साथ संबंधित क्षेत्र में बेहतर उपलब्धियां भी हासिल होंगी.

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