गुरुवार को टीम ने लोयबाद में तीन व केंदुआ में एक जगह में छापा मारा. चार चिकित्सकों से टीम ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के रजिस्ट्रेशन नंबर की मांग की. डॉ सुशील ने बताया कि चिकित्सकों ने अपने-अपने तर्क दिये, लेकिन रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं बताया. शुक्रवार को कागजात के साथ सिविल सर्जन कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है. संतुष्ट नहीं होने पर प्राथमिकी दर्ज भी करायी जा सकती है. टीम ने आम लोगों से भी ऐसे चिकित्सकों की सूचना देने की अपील की है.
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झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान
धनबाद : मुख्यालय के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य विभाग व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की संयुक्त टीम ने झोला छाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान शुरू किया है. दो सदस्यीय टीम में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ पीपी सिंह व आइएमए के जिला सचिव डॉ सुशील कुमार हैं. गुरुवार को टीम ने लोयबाद में तीन व केंदुआ […]
धनबाद : मुख्यालय के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य विभाग व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की संयुक्त टीम ने झोला छाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान शुरू किया है. दो सदस्यीय टीम में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ पीपी सिंह व आइएमए के जिला सचिव डॉ सुशील कुमार हैं.
विभाग का विशेष निर्देश : पूरे राज्य में झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई का निर्देश मुख्यालय ने विभागीय वरीय अधिकारियों ने दिया है. इसके लिए टीम गठित की गयी है. प्राथमिकी की सूचना भी तत्काल मुख्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया है.
लगभग एक हजार झोलाछाप
टीम के सदस्यों की मानें तो जिले में लगभग एक हजार झोलाछाप हैं, जो खुद को चिकित्सक बता कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. इसके कारण पूरे चिकित्सक समाज की बदनामी हो रही है. भोले-भाले मरीज छोलाछाप व असली चिकित्सकों में फर्क नहीं कर पाते हैं. इसका फायदा ये लोग उठा रहे हैं. इधर टीम के अनुसार चिकित्सक का एमसीआइ से रजिस्ट्रेशन होता है. छापामारी के दौरान ऐसे झोलाछाप से एमसीआइ के रजिस्ट्रेशन नंबर की मांग की जा रही है.
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