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दिव्यांग नेशनल खिलाड़ी बेच रहा मुर्गा

फुटबॉल में हाथ गंवाने के बाद भी कम नहीं हुआ खेल के प्रति जुनून मलाल कि सरकार से कुछ नहीं मिला गोमो : तोपचांची प्रखंड के भुईयां चितरो निवासी दिव्यांग नेशनल खिलाड़ी मोहम्मद अख्तर अंसारी मुर्गा बेच कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. अख्तर फुटबॉल मैच के दौरान अपना बायां हाथ गवां चुके हैं. […]

फुटबॉल में हाथ गंवाने के बाद भी कम नहीं हुआ खेल के प्रति जुनून

मलाल कि सरकार से कुछ नहीं मिला
गोमो : तोपचांची प्रखंड के भुईयां चितरो निवासी दिव्यांग नेशनल खिलाड़ी मोहम्मद अख्तर अंसारी मुर्गा बेच कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. अख्तर फुटबॉल मैच के दौरान अपना बायां हाथ गवां चुके हैं. घर-गृहस्थी की जद्दोजहद के बीच भी वह ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को प्रोत्साहन देने में जुटे हैं. हौसला अफजाई के लिए वह खुद प्राप्त पुरस्कार (शील्ड-मेडल) नयी पीढ़ी में बांट देते हैं. उन्हें इस बात का मलाल है कि सरकार खिलाड़ियों और खेल को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं कर रही है.
मोहम्मद अख्तर अंसारी बताते हैं 1980 के दौरान गांव में खेल का माहौल नहीं था़ पर दिव्यांग नेशनल खिलाड़ी बचपन से फुटबॉल तथा क्रिकेट के प्रति लगाव था़ स्कूल से भाग कर कभी-कभी मैच खेलने जाते थ़े इस कारण घर में काफी डांट सुननी पड़ती थी. इसके बावजूद घर में किसी ने खेलने से कभी मना नहीं किया़ झरिया में 1998 में फुटबॉल मैच के दौरान बायां हाथ टूट गया़ इलाज के क्रम में बायां हाथ गंवाना पड़ा़ लेकिन फिर भी खेल के प्रति जज्बे को कमजोर नहीं होने दिया. प्रखंड से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के क्रिकेट तथा फुटबॉल मैच खेल़े लगातार सफलता मिलती रही.
अप्रैल 2013 में गोल्फ ग्राउंड धनबाद में दिव्यांगों के लिए आयोजित 20-20 मैच में एक हाथ के बूते ही रनों की बौछार कर दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया था़ नेशनल मैच खेलने के बावजूद सरकारी नौकरी नहीं मिली तो दिल जरूर छोटा हो गया़ अब अपने बच्चों का भविष्य खेल के क्षेत्र में दावं पर नहीं लगाना चाहते हैं. बच्चों को खेलने के लिए ग्राउंड नहीं भेजते हैं.
किस-किस क्लब से खेले : धनबाद जिला के विवेकानंद क्लब, हिंदुस्तान जिंक टुंडु, बाबा स्पोर्टिंग क्लब बरवाअड्डा, मूनलाइट क्लब भुईयां चितरो, हाशमी क्लब धनबाद, रेनबो क्लब मोहनपुर तथा नेहरू क्लब मुराईडीह से फुटबॉल खेल चुके हैं.
सफर खेल पर एक नजर
1988 जिला स्तरीय विद्यालय टीम से फुटबॉल मैच
1994 मोइनुल हक ट्रॉफी मोतिहारी से फुटबॉल मैच
1997 सातवां चतुर्भुज राम मेमोरियल ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट
2003 धनबाद फुटबॉल एसोसिएशन
2003 समाज कल्याण विभाग झारखंड सरकार द्वारा प्रखंड स्तरीय दिव्यांग खेलकूद सह प्रतिभा सम्मान समारोह
2009 रांची में दिव्यांगों के लिए आयोजित इंडियन क्रिकेट फेडरेशन मैच
2009 चौथा नेशनल दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट महाराष्ट्र
2010 आठवां यूथ नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप इलाहाबाद (सेवन-ए-साइड टीम)
2010 झारखंड दिव्यांग खेलकूद और वेलफेयर ऐकेडमी से क्रिकेट
2010 पांचवा नेशनल दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट ऑफ उत्तर प्रदेश
2012 पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान का प्रशिक्षण लिया
2013 प्रथम नेशनल दिव्यांग इंडोर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ तामिलनाडु
2013 दिव्यांगों के लिए धनबाद में आयोजित 20-20 क्रिकेट मैच
2015 झारखंड दिव्यांग खेलकूद एंड वेलफेयर ऐकेडमी से क्रिकेट
क्यों काटना पड़ा हाथ
झरिया में अक्टूबर 1998 में फुटबॉल मैच के दौरान गिरने से हाथ टूट गया़ अपने खर्च से हाथ का इलाज धनबाद, कोलकाता तथा पटना में कराया. प्लास्टर के बाद हाथ में सेप्टिक हो गया. इस कारण पटना में इलाज के दौरान बायां हाथ कटवाना पड़ा़ एक हाथ नहीं रहने के बावजूद मोटरसाइकिल, कार आदि आसानी से चला लेते हैं. अपना सभी काम कर लेते हैं. वह कहते हैं : मैंने अपने आप को कभी भी असहाय नहीं समझा़
अपने पुरस्कार से करते हैं खिलाड़ियों को सम्मानित
अख्तर कहते हैं : खेल के दौरान मुझे कई मेडल, शील्ड तथा कप मिले. गांव के खिलाड़ियों को हौसला अफजाई के लिए समय-समय पर मैच कराते हैं. पुरस्कार की व्यवस्था नहीं होने पर अपना कप, शील्ड तथा मेडल आदि देकर ग्रामीण खिलाड़ियों को सम्मानित कर देते हैं.

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